प्रभु श्रीराम एवं सीतामाता का विडंबनयुक्त नाटक प्रस्तुत करने का प्रकरण !
मुंबई (महाराष्ट्र) – वार्षिक कला महोत्सव में प्रभु श्रीराम एवं सीतामाता का विडंबन करनेवाला ‘आरोहन’ नाटक प्रस्तुत किया गया । इस प्रकरण में मुंबई के भारतीय तंत्रज्ञान संस्था (आईआईटी) ने संस्था-प्रशासन द्वारा प्रत्येक छात्र को १ लाख २० सहस्र रुपए का दंड सुनाया है । ३१ मार्च २०२४ को मुंबई के भारतीय तंत्रज्ञान संस्था के सभागृह में इस नाटक की प्रस्तुति की गई थी ।
IIT Bombay Students Fined Rupees 1.2 Lakhs Each !
The Incident of Staging a Satirical Play ‘Raahovan’ on Prabhu Shri Ram and Sita Mata having derogatory references to Hindu beliefs and deities !
Additionally, the administration has denied these students the facilities provided… pic.twitter.com/G8yDcpFQMK
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) June 20, 2024
इस नाटक में प्रभु श्रीराम एवं सीतामाता की भूमिकाएं आपत्तिजनक पद्धति से दिखाई गई थी । आधुनिकता के नाम पर प्रभु श्रीराम एवं सीतामाता के मुंह से इस नाटक में आपत्तिजनक संवाद दिए गए थे । नाटक की प्रस्तुति के पश्चात जब सामाजिक माध्यमों से उसकी ‘क्लिप’ (अल्प समयावधि का वीडियो) सामाजिक माध्यमों से प्रसारित हुई, तब यह प्रकरण ध्यान में आया । कला स्वतंत्रता के नाम पर इस नाटक द्वारा धार्मिक भावनाएं आहत होने की शिकायतें भी कुछ छात्रों द्वारा संस्था-प्रशासन से की गईं । तदुपरांत संस्था के अनुशासन-पालन समिति की बैठक में छात्रों पर दंडात्मक कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया । इस में वरिष्ठ कक्षा के प्रत्येक छात्र को १ लाख २० सहस्र रुपए दंड दिया गया है तो कनिष्ठ कक्षा के छात्रों को प्रत्येक को ४० सहस्र रुपए दंड सुनाया गया है । इसके साथ ही छात्रावास में दी गई सुविधाएं भी इन छात्रों के लिए हटा दी गई है । यह जानकारी संस्था-प्रशासन द्वारा प्राप्त हुई है ।
संपादकीय भूमिकापुरोगामित्व (प्रगतिशीलता) के नाम पर पूरे भारत में कुछ स्थानों पर विद्यालय एवं महाविद्यालयों में छात्रों द्वारा नाटकों के माध्यम से हिन्दुओं के देवी-देवताओं का विडंबन किया जाता है । आईआईटी के प्रशासन ने जिस प्रकार कठोर निर्णय लिया, वह यदि अन्य स्थानों में लिया जाए, तो ऐसे प्रकरणों को रोक लगेगी ! |