हिन्दुओं के संगठित प्रयत्नों के कारण हिन्दू राष्ट्र के विरूद्ध हो रहे षड्यंत्र सफल नहीं होंगे ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

गोवा में २४ से ३० जून तक की कालावधि में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ का आयोजन !

मथुरा (उत्तर प्रदेश) – कुछ दिन पूर्व माता वैष्णोदेवी के दर्शन हेतु जा रहे श्रद्धालुओं की बस पर हुए आतंकवादी आक्रमण के कारण यह सामने आ गया है कि कश्मीर का आतंकवाद अब धीरे-धीरे हिन्दूबहुसंख्यक जम्मु की दिशा में बढ रहा है। पंजाब में खलिस्तानी आंदोलन के साथ देशद्रोही और विदेशी शक्तियां भारत को अस्थिर करने हेतु सक्रिय हुई हैं। भारत समेत पूरे विश्व में हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमण बढ रहे हैं। ऐसी स्थिति में हिन्दुओं को जातीय संघर्ष में उलझाकर उनमें विभाजन करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है; परंतु हिन्दू राष्ट्र के मार्ग में चाहे कितनी भी बाधाएं आई अथवा षड्यंत्र रचे गए, तो भी हिन्दुओं के संगठित प्रयत्नों के कारण ये षड्यंत्र सफल नहीं होंगे, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने यहां पर आयोजित पत्रकार वार्ता में किया। मथुरा के पी.डी. मॉडर्न पब्लिक स्कूल के सभागृह में आयोजित पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की जिलाध्यक्षा श्रीमती छाया गौतम उपस्थित थी।

बाईं ओर श्रीमती छाया गौतम और पत्रकारों को संबोधित करते हुए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य को गति देने के लिए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’, अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ आयोजित किया गया है। यह महोत्सव २४ से ३० जून २०२४ तक की कालावधि में ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में संपन्न होगा, ऐसी जानकारी भी उन्होंने दी।

सद्गुरु डॉ. पिंगळे द्वारा प्रस्तुत सूत्र !

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

१. इस बार चुनाव के समय में प्रसारित कुछ सार्वजनिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ है कि भारत की स्वतंत्रता के पश्चात ६५ वर्षों में, अर्थात वर्ष १९५० से २०१५ इस कालखंड में हिन्दुओं की जनसंख्या लगभग ८ प्रतिशत से अल्प हुई है, तो इस तुलना में मुसलमानों की जनसंख्या बढ गई है। इसी कालखंड में देश की जनसंख्या में लगभग ४३.१५ प्रतिशत वृद्धि हुई है। यह वृद्धि अप्राकृतिक ही कहनी पडेगी; क्योंकि भारत में घुसपैठ बांग्ला देशियों के साथ रोहिंग्या घुसपैठियों की संख्या बढती जा रही है। पारपत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे भारतीय नागरिकत्व के परिचयपत्र बनानेवालों पर देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट होना चाहिए।

२. इस वर्ष चुनाव में भी बांग्लादेशी घुसपैठियों ने मतदान करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। मुंबई में ऐसे घुपैठियों को पुलिस ने बंदी बनाया है। बनावट दस्तावेजों के आधार पर इन घुसपैठियों ने मतदान करने से भारत का लोकतंत्र संकट में आनेवाला है।

३. वर्ष २०२१ में जनगणना नहीं हुई है, इसलिए तत्काल जनगणना कर पीछले १३ वर्षों में भारत की जनसंख्या में कौनसे परिवर्तन हुए हैं ?, यह जनता को बताने की आवश्यकता है। साथही पूरे भारत में नागरिकता सुधार कानून और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण तत्काल लागू किया जाना चाहिए।

भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की प्रतिज्ञा हिन्दू करें ! – श्रीमती छाया गौतम

श्रीमती छाया गौतम ने कहा कि सनातन धर्म अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार और इंडोनेशिया तक फैला था। भारत ने ८०० वर्ष मुसलमानों की दास्यता और १५० वर्ष ईसाइयों द्वारा दी गई यातनाएं सहन की हैं। अखंड भारत के धर्म के नाम पर स्वतंत्रता के पहले और बाद कितने टुकडे हुए ?, यह हमने देखा है। आज रोहिंग्याओं को देहली, बंगाल, असम और मुंबई में बसाकर उनकी जनसंख्या बढाई जा रही है। यह एक बडे षड्यंत्र का भाग है। भारतमाता के कितने टुकडे होते रहेंगे ? और कितने दिन हम उसे सहते रहेंगे ? हिन्दुओं को अब जागृत होना पडेगा और भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की प्रतिज्ञा लेनी पडेगी।

अधिवेशन में उपस्थित रहनेवाले मान्यवर !

इस अधिवेशन में अधिवक्ता (पू.) हरि शंकर जैन, उनके पुत्र अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री. अश्विनी उपाध्याय, ‘पवनचिंतन धारा’ आश्रम के पू. पवन सिन्हा गुरुजी, महाराष्ट्र के ‘स्वतंत्रतावीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री. रणजित सावरकर, तेलंगाना के धर्माभिमानी विधायक टी. राजा सिंह, ‘हिन्दू इकोसिस्टम’ संगठन के श्री. कपिल मिश्रा, भारत के भूतपूर्व सूचना आयुक्त और ‘सेव कल्चर सेव इंडिया’ के संस्थापक श्री. उदय माहूरकर आदि के साथ ज्येष्ठ अधिवक्ता, व्यापारी, विचारक, लेखक, पत्रकार, मंदिरों के न्यासी और अनेक समविचारी सामाजिक, राष्ट्रीय एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधी तथा आध्यात्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधी उपस्थित रहनेवाले हैं।

आगे दिए विषयों पर होगी चर्चा !

इस अधिवेशन में हिन्दू राष्ट्र से संबंधित विविध विषयों पर विशेषज्ञों के परिसंवादों के साथ गुटचर्चाएं होनेवाली है। ‘सनातन धर्म की वैचारिक सुरक्षा’, ‘धर्मविरोधी और राष्ट्रविरोधी कथानकों का प्रत्युत्तर’, ‘हिन्दू समाज की रक्षा के लिए उपाययोजना’, ‘हिन्दू राष्ट्र के लिए संवैधानिक प्रयत्न’, ‘मंदिर संस्कृति की रक्षा के लिए उपाययोजना’, ‘वैश्विक स्तर पर हिन्दुत्ववाद’, ‘भारत की सुरक्षा’, ‘देश की अर्थव्यवस्था को चालना देने के लिए हलाल अर्थव्यवस्था पर उपाययोजना’, ‘लैंड जिहाद’, ‘काशी-मथुरा मुक्ति’, ऐसे विविध विषयों पर विचारमंथन होनेवाला है।

इस अधिवेशन के लिए महामंडलेश्‍वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती महाराज इंदौर, ‘अंतरराष्ट्रीय वेदांत सोसायटी’ के स्वामी निर्गुनानंद गिरि महाराज, छत्तीसगढ पाटेश्‍वर धाम के श्री राम बालकदासजी महात्यागी महाराज, छत्तीसगढ के शादाणी दरबार के डॉ. युधिष्ठिरलाल महाराज इत्यादि संतों की वंदनीय उपस्थिति का लाभ हानेवाला है

अधिवेशन का सीधा प्रक्षेपण !

हिन्दू जनजागृति समिति के HinduJagruti.org इस जालस्थल से इस अधिवेशन का सीधा प्रक्षेपण किया जानेवाला है। साथही समिति के ‘HinduJagruti’ इस यू ट्यूब चैनल से और facebook.com/hjshindi1 इस फेसबुक खाते से सीधा प्रक्षेपण किया जानेवाला है। समिति ने आवाहन किया है कि पूरे विश्व के हिन्दू इस अधिवेशन का लाभ लें।