(इनकी सुनिए…) ‘पाक में कार्रवाई करनेवाले तालिबानी आतंकवादियाें को अफगानिस्तान में मिल रहा आश्रय सहन नहीं करेंगे !’ – पाकिस्तान के रक्षामंत्री
हमारे यहां टीटीपी के आतंकवादी होने का पाक प्रमाण दे ! – तालिबान ने पाक को सुनाया
हमारे यहां टीटीपी के आतंकवादी होने का पाक प्रमाण दे ! – तालिबान ने पाक को सुनाया
वर्ष २०२१ में तालिबान के सैनिकों ने पाकिस्तान सेना को इस सीमा पर कटीली बाड लगाने से रोका था ।
तालिबानी और ईरानी सैनिकों के बीच २८ मई को पानी विवाद के कारण सीमा पर गोलीबारी हुई, जिसमें एक तालिबानी सैनिक समेत ईरान के ३ सैनिक मारे गए हैं ।
तालिबानी सत्ता के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई !
पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आइ एस आइ के ब्रिगेडियर मुस्तफा कमाल को मारा गया है ।
भले ही भारत ने मानवता की दृष्टि से अफगानिस्तान को सहायता की होगी, तो भी ‘इस्लामी शासकों को ऐसी सहायता की तनिक भी कीमत नहीं है और ऐसी सहायता करनेवालों पर अवसर आने पर आक्रमण करने के लिए आगे-पीछे नहीं देखते’, यही इतिहास बताता है, यह भी सरकार को ध्यान में रखना चाहिए !
तालिबान जड से ही कट्टर जिहादी आतंकवादी संगठन है । ऐसे तालिबान ने आतंकवाद के विरोध में अभियान चलाना यह हास्यास्पद और केवल दिखावा है ! वास्तविकता यह है कि तालिबान सहित सभी आतंकवादियों का नाश होना शांति स्थापित करने की दृष्टि से आवश्यक है !
पाकिस्तान के खैबर पख्तुनख्वा प्रांत के तोरखम में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकवादी संगठन और पुलिस में मुठभेड हुई । टीटीपी ने पिछले एक महीने में पुलिस पर ३ बडे आक्रमण किए ।
पाकिस्तान में तालिबानी निरंतर रक्तपात (खूनखराबा) कर रहे हैं । इस पार्श्वभूमि पर तस्लीमा नसरीन ने यह वक्तव्य दिया है ।
अफगानिस्तान मध्य और दक्षिण एशिया में आतंकवाद का मुख्य केंद्र बन गया है ।