युक्रेन को हथियार खरीदने के लिए युरोपियन महासंघ सहायता करेगा !
शत्रु का आक्रमण हुए किसी भी देश को संयुक्त महासंघ द्वारा सहायता करने की यह पहली पहल है ।
शत्रु का आक्रमण हुए किसी भी देश को संयुक्त महासंघ द्वारा सहायता करने की यह पहली पहल है ।
युद्ध पर प्रतिदिन खर्च हो रहा है १ लाख १२ सहस्र करोड रुपए !
प्रत्येक देश को अपना युद्ध स्वयं को ही लडना पडता है, यही इससे सिद्ध होता है ! भारत को भी इससे बोध लेना चाहिए !
यदि यूक्रेन हथियार डालता है, तो चर्चा के लिए तैयार ! – रूस
रशिया ने युक्रेन के २ प्रान्तों को ‘स्वतंत्र देश’ घोषित करने का साहस करने से पहले ‘इसके विरोध में विश्व समुदाय की ओर से कौन सी प्रतिक्रिया आने वाली है ?’, इसका विचार पहले ही किया गया होगा । इस कारण ऐसी प्रतिक्रियाओं को रशिया भीख नहीं डालेगा, यह भी उतना ही सत्य है । भारत शत्रु राष्ट्रों के विषय में इस प्रकार के दांवपेंच कब प्रयोग करेगा ?
रशिया-युक्रेन के बीच युद्ध की सम्भावना को देखते हुए भारत को अभी से पूर्ण तैयारी करनी चाहिए, ऐसा ही जनता को लगता है !
युक्रेन में लगभग १८ सहस्र भारतीय छात्र हैं, जिनमें से अधिकांश छात्र चिकित्सकीय शिक्षा ले रहे हैं ।