Patanjali Case : पतंजलि प्रकरण में अब सर्वोच्च न्यायालय में ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष द्वारा न्यायालय पर की हुई टिप्पणी पर सुनवाई होगी।

सर्वोच्च न्यायालय को इस अध्यक्ष को जाहेर में (खुलेआम) क्षमायाचना करने का आदेश देना होगा, ऐसा किसी को लगता है तो, इसमें आश्‍चर्य कैसा !

‘पतंजलि आयुर्वेद’ के कथित विज्ञापनों के प्रकरण में दिखाई दिया सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का हिन्दूद्वेष !

‘हम आपको मार डालेंगे’, ‘हम आप पर कुछ करोड रुपए का आर्थिक दंड लगाएंगे’, इस प्रकार की भाषा सडक पर चलनेवाले झगडों में सुनने को मिलती है; परंतु ऐसी भाषा का प्रयोग यदि न्यायालय में किया जाता है, तो क्या वह उचित है ?’ कुल मिलाकर भारत में जब ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना होगी, उस समय न्यायाधीश रामशास्त्री प्रभुणे को अपेक्षित न्यायतंत्र बनाया जाएगा !’

Patanjali Case : विज्ञापन के आकार इतना क्षमापत्र छापा क्या ? – उच्चतम न्यायालय

कथित अयोग्य विज्ञापन प्रसारित करनेवाले ‘पतंजलि’ के विरोध में याचिका !

Service Tax On Yoga Shibirs : योगऋषि रामदेव बाबा को योग शिविर के लिए भरना होगा ‘सेवा कर’ ! – उच्चतम न्यायालय

योग शिविर में प्रवेश के लिए शुल्क लिए जाने का दिया कारण !

Patanjali Case : पतंजलि मामले में ‘आपको फाड डालेंगे’ कहनेवाले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पर कुछ भूतपूर्व न्यायमूर्तियों द्वारा टिप्पणी !

‘हम आपको फाड डालेंगे’ ऐसा कहने की यह भाषा सडक छाप है और यह संकटजनक है । ऐसे शब्द संवैधानिक न्यायालय के न्याय के शब्दकोश का भाग नहीं हो सकते ।

हमारी औषधियां संशोधनों पर आधारित हैं !

हमारे पास ज्ञान और विज्ञान का खजाना है; केवल भीड के जोर पर सत्य-असत्य का निर्णय नहीं लिया जाता, ऐसा मत योगऋषि रामदेवबाबा ने पत्रकार वार्ता में व्यक्त किया ।

जो सनातन धर्म को गालियां दे रहे हैं, उनका वर्ष २०२४ में अंत होगा ! – योगऋषि रामदेव बाबा

पिछले कुछ दिनों से सनातन धर्म समाप्त करने के विविध राजनीतिक नेताओं की ओर से होने वाले विधानों के विषय में पूछे जाने पर उत्तर देते समय वे बोल रहे थे ।

देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून पारित करना अपरिहार्य ! – योगऋषि बाबा रामदेव

यदि जनसंख्या नियंत्रण कानून पारित किया, तो उसका पालन हिन्दू ही करेंगे तथा ‘हम ५ हमारे २५’ कहनेवाले उसका उल्लंघन ही करते रहेंगे, यह भी उतना ही सच है ! इसलिए अब यह भी विचार करने की आवश्यकता है कि यह कानून किस के लिए पारित करना चाहिए !

आगामी १० वर्षों में भारत वैश्विक महासत्ता बनेगा ! – योगऋषि रामदेवबाबा

योग का प्रसार केवल अपने राष्ट्र में नहीं, अपितु पूरे विश्व में होगा और योगधर्म के साथ सनातन धर्म की भी प्रतिष्ठा पूरे विश्व में बढ़ेगी । मैं माताओं और बहनों का आवाहन करता हूं कि प्रतिकूल परिस्थिति में, आपत्ति अथवा गंभीर संकट में स्वधर्म से न डगमगाएं, संयम रखें, योग अपनाएं, सब बाधाएं दूर होंगी ।’’