(इनकी सुने…) ‘हम विवादास्पद क्षेत्र में बैठक लेने के विरुद्ध !’

श्रीनगर में २२ से २४ की कालावधि में ‘जी २०’ के पर्यटन कार्य समिति की तीसरी बैठक आयोजित की गई है । चीन ने इस बैठक में सम्मिलित न होने का निर्णय लिया है ।

(कहते हैं) ‘भारत के विदेश मंत्री द्वारा मुसलमान विरोधी नीतियों को प्रोत्साहन !’

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने सदैव पाकिस्तान को उसकी स्थिति को लेकर फटकारा है । इसलिए यदि भुट्टो उनका नाम सुनते ही बौखला जाते हों, तो उसमें आश्चर्य किस बात का ?

रूस द्वारा भारत को दी जानेवाली शस्त्रास्त्रों की आपूर्ति ठप !

रूस तथा यूक्रेन के युद्ध के उपरांत अमेरिका के साथ अनेक पश्चिमी देशों ने रूस पर विविध आर्थिक निर्बंध थोपे हैं । जिसके परिणामस्वरूप भारत को भी हानि उठानी पड रही है । अब रूस ने भारत को हथियारों का आयात रोक दिया है ।

भारत एवं अमेरिका के संबंध दो व्यक्तियों के संबंधों से अधिक अच्छे ! – अमेरिका

ऐसा वक्तव्य अमेरिका के ‘यू.एस. नैशनल सिक्युरिटी काऊंसिल’ के ‘इंडो पेसिफिक कोऑर्डिनेटर’ कर्ट कैंपबेल ने ‍दिया है | वे यहां भारतीय दूतावास में आयोजित कार्यक्रम में ऐसा बोल रहे थे ।

हम युद्ध के लिए यूक्रेन के विरुद्ध रूस को हथियार नहीं देंगे ! – चीन

चीन के विदेश मंत्री ने निवेदन में कहा कि रूस को भेजी जाने वाली उन वस्तुओं पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा, जिनका प्रयोग नागरिक तथा सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए करना संभव होगा । चीन को शीघ्रातिशीघ्र युद्ध समाप्त करना है ।

वैश्विक विद्रोह की आवश्यकता !

खालिस्तान के रूप में भारत का एक और विभाजन टालने के लिए हिन्दू एवं राष्ट्रनिष्ठ सिखों का वैश्विक विद्रोह आवश्यक !

भारत अब प्रत्युत्तर देनेवाला देश है ! – विदेश मंत्री डॉ. एस्. जयशंकर

आज भारत की नीतियां भारत के बाहर के लोगों के दबाव के नीचे नहीं होती है । वह स्वतंत्र भारत है । भारत अब ‘तुम्हें किससे तेल लेना है ? और किससे नहीं ?’ यह उसे बतानेवाले देशों के दबाव में नहीं रहता है ।

भारत को अपने शत्रूओं को पहचान कर उनसे तुलनीय व्यवहार करना चाहिए  !

बिना पाकिस्तान और चीन का नाम लिए यूक्रेन का परामर्श !

भारत के नोटिस देने के उपरांत पाकिस्तान सिंधु जल समझौते में सुधार पर चर्चा करने के लिए तैयार !

वर्ष २०१७ से २०२२ के दौरान भारत ने समझौते के संबंध में पांच बैठकें ली थीं । इनमें पाकिस्तान ने कभी भी भारत के सूत्र स्वीकार नहीं किए । इसी कारण भारत ने पाकिस्तान को नोटिस भेजी थी ।