संकटकालीन स्थिति में (कोरोना की पृष्ठभूमि पर) धर्मशास्त्र के अनुसार गुरुपूर्णिमा मनाने की पद्धति !

इस वर्ष कोरोना संकट की पृष्ठभूमि पर हमने घर पर रहकर ही भक्तिभाव से श्री गुरुदेवजी के छायाचित्र का पूजन अथवा मानसपूजन किया, तब भी हमें गुरुतत्त्व का एक सहस्र गुना लाभ मिलेगा ।

अर्पणदाताओं, गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में धर्मकार्य हेतु धन अर्पित कर गुरुतत्त्व का लाभ उठाएं !

गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में गुरुकार्य हेतु अर्थात धर्मकार्य हेतु अर्पण दें ! – आजकल धर्मग्लानि का समय होने से धर्मप्रसार का कार्य करना, सर्वश्रेष्ठ अर्पण है । इसलिए धर्मप्रसार का कार्य करनेवाले संत, संस्था एवं संगठनों के कार्य हेतु धन का दान देना, काल के अनुसार आवश्यक है । सनातन संस्था निःस्वार्थभाव से विगत अनेक वर्षों से यह कार्य कर रही है । इसलिए अर्पणदाताआें द्वारा सनातन संस्था को दिए जानेवाले अर्पण का उपयोग निश्‍चित रूप से धर्मकार्य हेतु ही होनेवाला है ।

घोर आपातकाल में नई-नई आध्यात्मिक उपचार-पद्धतियों का शोध कर मानवजाति के कल्याण हेतु परिश्रम करनेवाले परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

सामान्य लोगों में अपने आस-पास अथवा हमारे जीवन में होनेवाली गतिविधियों के संदर्भ में जानने की जिज्ञासा होती है । आगे की साधनायात्रा में साधक के मन में मैं कहां से आया, मेरा लक्ष्य क्या है, मुझे कहां जाना है ? आदि प्रश्‍न उठते रहते हैं ।

उच्च कोटि की जिज्ञासा के कारण सूक्ष्म जगत से संबंधित अमूल्य ज्ञान का कोष मानवजाति को उपलब्ध करानेवाले ज्ञानगुरु परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

प्राणशक्ति (जीवनी शक्ति) बहुत अल्प होने पर भी परात्पर गुरु डॉक्टरजी अपने आसपास होनेवाली प्रत्येक घटना का निरीक्षण करते रहते हैं और उनके विषय में तुरंत लिखकर रखते हैं । ऐसे प्रत्येक निरीक्षण के विषय में वे साधकों से बात कर उससे संबंधित छोटी-छोटी बातें समझ लेते हैं ।

सर्वज्ञ होते हुए भी जिज्ञासा से प्रत्येक कृत्य के पीछे का शास्त्र समझनेवाले गुरुदेवजी !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन में ३० अप्रैल २००८ को वेद, शास्त्र आदि अध्ययन करनेवालों के लिए ‘सनातन पुरोहित पाठशाला’ स्थापित की गई । ‘प्रत्येक धार्मिक विधि शास्त्र समझकर ‘साधना’ के रूप में करनी चाहिए’, इस संबंध में परात्पर गुरु डॉक्टरजी ने यहां शिक्षा ग्रहण करनेवालों का मार्गदर्शन किया है ।

विविध संतों के मार्गदर्शन अनुसार प्रत्यक्ष आचरण कर अध्यात्मशास्त्र का अध्ययन करनेवाले परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

डहाणू के प.पू. अण्णा करंदीकरजी आयुर्वेदिक चिकित्सालय में रोगियों को देखने के लिए प्रतिमास ३ दिन दादर आते थे । तब प.पू. डॉक्टरजी के एक मित्र ने उन्हें प.पू. अण्णा करंदीकरजी की जानकारी दी ।

सनातन पर अखंड कृपावर्षा करनेवाले कृपावत्सल प.पू. भक्तराज महाराज !

प्रत्यक्ष में १.८.१९९१ को प.पू. भक्तराज महाराजजी की कृपा से ‘सनातन भारतीय संस्कृति संस्था’ की स्थापना हुई । तत्पश्‍चात प.पू. डॉक्टरजी द्वारा लिए अभ्यासवर्ग, गुरुपूर्णिमा महोत्सव तथा वर्ष १९९६ से वर्ष १९९८ की अवधि में ली गई सैकडों सभाओं से सहस्त्रों जिज्ञासु और साधक संस्था से जुड गए ।

चीन उघूर मुसलमानों पर बलपूर्वक चलाये जा रहे परिवार नियोजन को रोके ! – अमेरिका की चेतावनी

अन्य समयपर भारत के मुसलमानोंपर किए जा रहे कथित अत्याचारों के विरुद्ध आक्रोश दिखानेवाले पाकिस्तान सहित सभी इस्लामी देश और उनके संगठन चीन के मुसलमानोंपर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध अपना मुंह नहीं खोलते, इसे ध्यान में रखें !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘वीडियो कॉन्फरन्सिंग’ के माध्यम से नहीं, अपितु अयोध्या आकर राम मंदिर का भूमिपूजन करें ! – साधु-संतों की मांग

‘श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट’ एवं साधु-संतो ने यह मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आकर राममंदिर निर्माण का भूमिपूजन करें ।

(कहते हैं) चीनी प्रतिष्ठानों द्वारा ‘पी.एम्. केयर फंड’ के लिए दिया हुआ चंदा केंद्र सरकार वापस करे ! – कांग्रेस शासित पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की मांग

पंजाब के कांग्रेस शासित मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह मांग की है कि सीमापर निर्माण तनाव को ध्यान में रखते हुए चीनी प्रतिष्ठानों द्वारा ‘पी.एम्. केयर फंड’ के लिए लिया गया चंदा वापस किया जाए । भारत द्वारा चीन के ५९ ‘ऍप्स’ पर लगाए गए प्रतिबंध की पृष्ठभूमिपर उन्होंने यह मांग की ।