- चीनी प्रतिष्ठानों ने इस प्रकार चंदा दिया हो, तो उसे वापस करने की आवश्यकता ही क्या है ? इन प्रतिष्ठानों ने चंदा देकर भारतपर कोई उपकार तो नहीं किया है । उन्होंने भारतीय बाजार से करोडों रुपए का लाभ भी अर्जित किया है, इसे ध्यान में रखना चाहिए !
- यदि कांग्रेसी मुख्यमंत्री इसके प्रति इतने ही गंभीर हैं, तो वे ‘राजीव गांधी फाऊंडेशन’ को चीन की ओर से मिले चंदे को वापस करके दिखाए !
नई देहली – पंजाब के कांग्रेस शासित मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह मांग की है कि सीमापर बने हुए तनाव को ध्यान में रखते हुए चीनी प्रतिष्ठानों द्वारा ‘पी.एम्. केयर फंड’ को दिया गया चंदा वापस किया जाए । भारत द्वारा चीन के ५९ ‘ऍप्स’ पर लगाए गए प्रतिबंध की पृष्ठभूमिपर उन्होंने ऐसा कहा । उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के विरुद्ध संघर्ष करने में भारत सक्षम है और वह चीन की सहायता के बिना भी यह संघर्ष कर सकता है ।
कोरोना संकट के विरुद्ध संघर्ष हेतु ‘पी.एम. केयर फंड’ की स्थापना की गई है । उसके लिए विविध प्रतिष्ठानों एवं व्यक्तियों ने करोडों रुपए का चंदा दिया है । उनमें चीनी प्रतिष्ठान भी अंतर्भूत हैं । इसमें चीन के प्रतिष्ठान ‘हुवेई’ ने ७ करोड, टिक-टॉक ने ३० करोड, शाओमी ने १० करोड, तो ओप्पो ने १ करोड रुपये की सहायता दी है ।
(कहते हैं) ‘हमने चीन को कोई जानकारी नहीं दी है !’ – टिक-टॉक का स्पष्टीकरण
भारत की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के पश्चात टिक-टॉक ने एक विज्ञप्ति प्रकाशित कर उसमें कहा है कि ‘हमने चीन सरकार से किसी भी भारतीय उपयोगकर्ता की जानकारी साझा नहीं की है ।’ चीनी ‘ऍप्स’ के कारण भारतीय उपयोगकर्ताओं की जानकारी चीन में जाने से भारत की सुरक्षा पर संकट उत्पन्न होने के कारण भारत ने इन ‘ऍप्स’ पर प्रतिबंध लगाया है । उसपर प्रतिक्रिया देते हुए टिक-टॉक इंडिया के प्रमुख निखिल गांधी ने कहा है कि ‘हम भारत सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं । हमें सरकार के संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक का आमंत्रण मिला है । इस बैठक में हमें अपना पक्ष रखने का तथा स्पष्टीकरण देने का अवसर मिलेगा ।’
Punjab CM urges Centre to return donations made by Chinese firms to PM-CARES Fundhttps://t.co/cEGP7fGRUW pic.twitter.com/yiUJYi16oG
— HT Punjab (@HTPunjab) June 29, 2020