सनातन पर अखंड कृपावर्षा करनेवाले कृपावत्सल प.पू. भक्तराज महाराज !
प्रत्यक्ष में १.८.१९९१ को प.पू. भक्तराज महाराजजी की कृपा से ‘सनातन भारतीय संस्कृति संस्था’ की स्थापना हुई । तत्पश्चात प.पू. डॉक्टरजी द्वारा लिए अभ्यासवर्ग, गुरुपूर्णिमा महोत्सव तथा वर्ष १९९६ से वर्ष १९९८ की अवधि में ली गई सैकडों सभाओं से सहस्त्रों जिज्ञासु और साधक संस्था से जुड गए ।