जलप्रलय की दृष्टिा सेे भौतिक स्तर पर क्या पूर्वतैयारी करनी चाहिए ?

वर्ष २०१९ में महाराष्‍ट्र और कर्नाटक राज्‍यों के अनेक शहर अतिवृष्‍टि के कारण जलमग्‍न हो गए थे । ‘भविष्‍य में ऐसी स्‍थिति पुनः कब उत्‍पन्‍न हो सकती है ?’, यह कहा नहीं जा सकता । इसलिए ‘बाढपीडित क्षेत्र के नागरिकों को किस प्रकार से पूर्वतैयारी करनी चाहिए ?’, इस संदर्भ में मार्गदर्शक सूत्र आगे दिए हैं ।

आपातकालीन सहायता एवं भगवद़्भक्ति !

प्राकृतिक आपदा अथवा आतंकी आक्रमणों के समय राष्‍ट्रकर्तव्‍य का भान रखनेवाले ही भावनाशील न होकर तत्‍परता से सहायता करते हैं । सभी में राष्‍ट्रकर्तव्‍य के प्रति भान उत्‍पन्‍न होने हेतु अभी से उद़्‍बोधन और जनजागरण करना आवश्‍यक !

महाभीषण आपातकाल की दृष्टिी से आयुर्वेदिक और ‘होमियोपैथिक’ औषधियां तथा योगासन और प्राणायाम का महत्त्व ध्यान में लें !

वर्तमान में अनेक लोग मधुमेह, रक्‍तचाप, हृदयरोग, तीव्र आम्‍लपित्त (हाइपर एसिडिटी), घुटनों में वेदना जैसे अनेक विकारों पर अनेक वर्षों से ‘एलोपैथिक’ औषधियां ले रहे हैं ।

महानगर तथा बडे शहरों में रहनेवाले साधकों के लिए महत्त्वपूर्ण सूचना !

पहले गांवों में रहनेवाले कुछ साधक शिक्षा, नौकरी, व्‍यवसाय आदि के कारण महानगर तथा बडे शहरों में स्‍थानांतरित हो चुके हैं । संकटकाल में इन शहरों को पहुंचनेवाली (अपरिमित) क्षति को ध्‍यान में रखते हुए महानगरों में रह रहे साधक परिवारजनों के साथ गांव अथवा तहसील में स्‍थानांतरित होने का विचार करें ।

आपातकाल में नमक-राई की कमी होने पर कुदृष्टि् उतारने की पद्धति

वातावरण में अच्‍छी तथा बुरी (अनिष्‍ट) शक्‍तियां कार्यरत रहती हैं । अच्‍छे कार्य में अच्‍छी शक्‍तियां मानव की सहायता करती हैं, जबकि अनिष्‍ट शक्‍तियां मानव को कष्‍ट देती हैं ।

हिन्दू आतंकवाद के झूठ का विरोध कर हिन्दू धर्म की रक्षा करना प्रत्येक का कर्तव्य !

वर्ष २००८ में समाचार पत्रों में ‘हिन्‍दू आतंकवाद’, ‘भगवा आतंकवाद’ के हृदयविदारक शीर्षक झलकने लगे । राज्‍यकर्ता और पत्रकार इन शब्‍दों का सहजता से उपयोग करते हुए दिखाई देने लगे ।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा न्यायसंस्था में किया गया हस्त्क्षेप तथा शंकराचार्य श्री केशवानंद भारतीजी का न्यायसंस्था की संप्रभुता को अबाधित रखने में योगदान !

‘केरल के इडनीर मठ के शंकराचार्य केशवानंद भारतीजी ने ६.९.२०२० को देहत्‍याग किया । आज पुनः देश के सामने एक बार उनके संबंध में जानकारी आ रही है ।

लद्दाख के पराक्रम के मानक : ‘एसएफएफ’(स्पेशशल फ्रन्टिपयर फोर्स) सैनिक !

लद्दाख में पैंगाँग त्‍सो तालाब के दक्षिण में २९ और ३० अगस्‍त को भारतीय सैनिकों को दिखाई दिया कि चीन के ५०० से ६०० सैनिक भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे हैं । उसके पश्‍चात भारतीय सैनिकों ने उन्‍हें अंदर आने दिया और उनके साथ युद्ध आरंभ किया ।

मध्‍य प्रदेश एवं राजस्‍थान में सनातन संस्‍था द्वारा ‘ऑनलाइन’ विशेष परिसंवाद का आयोजन

जयपुर (राजस्‍थान) – चन्‍द्र वर्ष एवं सौर वर्ष का मेल हो इसलिए हिन्‍दू धर्म में अधिक मास का प्रयोजन किया गया है । इस माह में दान और उपवास किया जाता है ।

मन, वचन और कर्म से श्रेष्‍ठ व्‍यक्‍ति का निर्माण करेगी राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति ! – डॉ. शिवकुमार शर्मा

ग्‍वालियर (मध्‍य प्रदेश) – ‘मन, वचन और कर्म से श्रेष्‍ठ व्‍यक्‍ति का निर्माण, यह ‘राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति’ का लक्ष्य है । आज ‘योग’ जब विदेश से ‘योगा’ बनकर आया, तब भारत में उसका पूर्णतः स्‍वीकार हुआ ।