प्राकृतिक आपदा अथवा आतंकी आक्रमणों के समय राष्ट्रकर्तव्य का भान रखनेवाले ही भावनाशील न होकर तत्परता से सहायता करते हैं । सभी में राष्ट्रकर्तव्य के प्रति भान उत्पन्न होने हेतु अभी से उद़्बोधन और जनजागरण करना आवश्यक ! इसके साथ ही ईश्वरभक्ति और साधना करने से आपातकाल से पार हो सकते हैं ।
प्राथमिक चिकित्सा पेटी में रखने योग्य आवश्यक सामग्री
१. निर्जीवीकरण (स्टैरलाइज्ड) ‘गॉज ड्रेसिंग्स’
२. स्टिकिंग प्लास्टर रोल (Sticking Plaster Roll)
३. चिकना ड्रेसिंग (बैंड एड)
४. कोहनी, घुटना अथवा टखना बांधने हेतु ‘क्रेप बैंडेज’
५. बांधने हेतु पट्टियां (रोलर बैंडेजेस)
६. तिकोनी पट्टियां (ट्रैंग्युलर बैंडेजेस)
७. कपास की पट्टियां : १०० ग्राम
८. विविध संपर्क क्रमांक तथा पते लिखी हुई बही और
औषधियां
१. ‘डेटॉल’ अथवा ‘सैवलॉन’
२. ‘बीटाडीन’ अथवा ‘सोफ्रामाइसीन’ मलहम (ऑइंटमेंट)
३. ‘पैरासिटामॉल’ गोलियां (५०० मि.ग्रा.)
प्राथमिक चिकित्सकीय सामग्री
१. एक बार उपयोगवाले (डिस्पोजेबल) हाथमोजे और ‘फेस मास्क’
२. सेफ्टीपिन्स, चिमटा (फोरसेप-ट्विजर), तापमापक (थर्मामीटर)
३. ‘सर्जिकल’ कैंची (१२ सें.मी. लंबी)
भीषण काल का सामना करने हेतु प्राथमिक चिकित्सा सीखें !
प्राकृतिक और मनुष्य-निर्मित आपदाएं कब भयंकर रूप धारण कर लें, यह कहा नहीं जा सकता । किसी राज्य में आई प्राकृतिक अथवा पूरे देश में दंगों के माध्यम से बार-बार फैलनेवाली हिंसा हो; ऐसी आपदाआें में, साथ ही युद्धजन्य स्थिति में न्यूनतम जीवहानि हो; इसके लिए सदैव तैयार रहना शासन-प्रशासन के साथ नागरिकों का भी दायित्व होता है । प्राकृतिक आपदा के समय सभी को सामाजिक भाईचारा, युद्धकाल में राष्ट्रबंधुता और दंगों के समय धर्मबंधुता दिखानी पडती है । ऐसे समय यदि अधिकांश समाज प्राथमिक चिकित्सा के प्रति जागरूक हो, तो मनुष्यहानि को न्यूनतम रखना संभव हो पाता है ।
बाढ, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाआें का सामना कैसे करना चाहिए ?
बाढ के समय बरती जानेवाली आवश्यक सावधानियां
१. प्रशासन की ओर से ध्वनिविस्तारक, आकाशवाणी और दूरदर्शन से प्रसारित होनेवाली सूचनाआें की ओर निरंतर ध्यान रखें ।
२. प्राथमिक उपचार, मूल्यवान वस्तुएं और महत्त्वपूर्ण कागजात आदि सुरक्षित स्थान पर रखें या संकटकाल में घर से निकलते समय साथ रखें इससे हानि नहीं होगी अथवा अत्यल्प होगी ।
३. पर्याप्त मात्रा में प्राथमिक उपचार का किट, खाद्यपदार्थ और पेयजल ऊंचे तथा सुरक्षित स्थान पर रखें ।
४. बिजली और विद्युत उपकरणों के सभी बटन बंद कर दें ।
५. किसी ऊंचे स्थान पर चले जाएं । घर में दूसरा तल हो, तो वहां चले जाएं ।
६. पर्याप्त खाद्यपदार्थ और शुद्ध पेयजल ऊंचे और सुरक्षित स्थान पर रखें ।
७. गति से बहनेवाले झरने अथवा पानी में पैदल चलने अथवा उसमें खेलने का प्रयास न करें ।
भूकंप होने पर क्या करना चाहिए ?
१. घर से तुरंत निकलकर खुले स्थान पर चले जाएं ।
२. ऊंचे भवनों से नीचे आने के लिए उत्थापकयान (लिफ्ट) का उपयोग न करें ।
३. घर से निकलना असंभव हो, तो घर में कांच की खिडकी, अलमारी बिजली के तार और अन्य सहजता से गिरनेवाली वस्तुआें से दूर रहें ।
४. पटल अथवा पलंग के नीचे आश्रय लेना चाहिए । हाथों से सिर ढंककर कक्ष में स्थित कोना अथवा छत के बीम के नीचे बैठें । गैस और बिजली के सभी बटन बंद करें ।
५. आप जब घर के बाहर हों, तब भवन, बिजली के खंभे और वृक्ष से दूर ही रहें ।
आगजनी के संदर्भ में प्रतिबंधात्मक उपाय
उपकरण और सिलेंडर की ओर ध्यान दें !
१. भवन में लगाए गए दमकल उपकरणों (आग बुझाने के यंत्रों) का यथोचित ध्यान रखें ।
२. भवन का फायर पंप, वहां स्थित तथा निकटतम पानी के संग्रह के संदर्भ में जानकारी रखें ।
३. संरक्षक ढक्कन न हो अथवा सिलेंडर में दोष दिखाई दे, ऐसा सिलेंडर न लें ।
४. भरे हुए और खाली सिलेंडर को अलग-अलग रखें । अलग-अलग प्रकार के सिलेंडर का संग्रह करना हो, तो विषैले और ज्वलनशील श्रेणी में उनका वर्गीकरण करें ।
५. सिलेंडर भूमि से घसीटते हुए न खींचें अथवा उसे ऊंचाई से न फेंकें ।
६. सिलेंडर के पास धूम्रपान करने अथवा किसी अन्य प्रकार का ज्वलनशील पदार्थ रखने पर कठोरता से प्रतिबंध लगाएं !
७. माचिस की डिब्बी, लाइटर समान वस्तुएं छोटे बच्चों के हाथ न लगें, ऐसे ऊंचे स्थान पर, संभवत: बंद डिब्बे में रखें ।
पटाखों के संदर्भ में आवश्यक सावधानी
१. पटाखे घर के बाहर खुले मैदान में ही जलाएं । रॉकेट समान आकाश में जानेवाले पटाखों के विषय में विशेष ध्यान दें । उन्हें जलाते समय दरवाजे-खिडकियां भली-भांति बंद कर लें ।
२. बुझे हुए पटाखे पुन: जलाने का प्रयत्न न करें ।
३. पटाखे दूसरों की दिशा में न फेंकें ।
४. वायु तथा ध्वनिप्रदूषण करनेवाले पटाखे न जलाएं, दुर्घटना से बचने का यही सर्वोत्तम उपाय है ।
५. घरेलू उपयोग का ईंधन का गैस चूल्हा, स्टोव अथवा मोमबत्ती जलते समय वहां बच्चों को अकेले छोडकर न जाएं ।