तबलिगी जमात प्रकरण में ३ समाचारवाहिनियों पर जुर्माना और दर्शकों से क्षमा मांगने का न्यूज ब्रोडकास्टिंग एथोरिटी का निर्देश

उस समय किए गए वार्तांकन के आधार पर कर्नाटक की ३ समाचारवाहिनियों पर जुर्माना लगाया गया है, साथ ही दर्शकों से क्षमा मांगने के लिए कहा गया है ।

गुजरात की साबरमती नदी में दिखाई दिए कोरोना के विषाणु  !

साबरमती नदी सहित कांगरिया एवं चांदोला सरोवरों के पानी के नमूनों में कोरोना के विषाणु दिखार्इ दिए हैं ।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा साइबर अपराध रोकने के लिए ‘हेल्पलाइन’ क्रमांक १५५२६० प्रसारित !

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर अपराध के विरुद्ध शिकायतों का तत्काल निवारण करने के लिए  एवं डिजिटल लेनदेन के व्यवहार को सुरक्षित बनाने के लिए एक सहायता (हेल्पलाइन) क्रमांक १५५२६० प्रसारित  किया है

प्रतिबंध शिथिल करने पर नियमों का उल्लंघन होने के कारण तीसरी लहर भयावह हो सकती है ! – केंद्रीय गृह मंत्रालय का भय

कोरोना की तीसरी लहर आर्इ, तो स्थिति अत्यंत भयावह होगी ।

कोई भी पूर्व सूचना दिए बिना ‘फेसबुक’ के ‘पेजेस्’ (पृष्ठ) बंद करने के विरोध में सनातन संस्था की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय में आवाहन !

सनातन संस्था ने ‘फेसबुक’ के पेज बंद करने की कार्यवाही का मुंबई उच्च न्यायालय में आवाहन किया है ।

भारतीय नौ सेना की ओर से श्रीलंका के मछुआरों को मारने का वृत्त झूठा ! – भारत

श्रीलंका के प्रसार माध्याम भारतीय नौ सेना की ओर से श्रीलंका के मछुआरों को मारने के वृत्त प्रसिद्ध किए गए हैं । इस पर श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायुक्त की ओर से स्पष्टीकरण देते हुए ‘यह झूठा वृत्त है,

सी.बी.एस.ई. बोर्ड की १० वीं परिक्षा का २० जुलाई, तो १२ वीं का ३१ जुलाई को परिणाम निकलेगा !

१० वीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम २० जुलाई, तो १२ वीं की परीक्षा का परिणाम ३१ जुलाई के दिन घोषित किया जाएगा, ऐसी घोषणा सी.बी.एस.ई. बोर्ड ने की है ।

आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस द्वारा भाजपा का विरोध करने के लिए १०० करोड रुपये देने का दिया था प्रस्ताव !

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र का विरोध करने के लिए आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस द्वारा भाजपा का विरोध करने के लिए १०० करोड रुपये देने का प्रस्ताव आया था

जलवायू परिवर्तन से होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती ! – वैज्ञानिकों का दावा

विश्व जलवायु परिवर्तन से होने वाली हानि अब इस स्तर पर पहुंच गई है कि उसे सुधारा नहीं जा सकता । इस कारण उसके साथ ही जीना पड़ेगा, ऐसा प्रतिपादन वैज्ञानिक प्रा. मार्कस रेक्स ने किया है ।