परमाणु शस्त्र रखने के लिए चीन द्वारा खोदे जा रहे हैं १०० से अधिक गड्ढे !
इससे स्पष्ट होता है कि युद्धखोर चीन को सबक सिखाने के लिए भारत को सर्व प्रकार से तैयारी करने कितनी आवश्यकता है !
इससे स्पष्ट होता है कि युद्धखोर चीन को सबक सिखाने के लिए भारत को सर्व प्रकार से तैयारी करने कितनी आवश्यकता है !
इस आर्थिक महामार्ग के नाम पर चीन अफगानिस्तान को निगल जाएगा, यही सत्य है ! ऐसे चीन से भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता है !
इसे कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डांटे ! चीन भारत सहित अनेक देशों पर दबाव निर्माण कर वैश्विक महाशक्ति बनने का प्रयास कर रहा है । चीन का यह प्रयास ही विश्व को संघठित होकर कुचलने की आवश्यकता है !
बीजिंग – कडाके की ठंड के कारण स्वास्थ्य बिगडने से चीन ने लद्दाख सीमा पर नियुक्त ९० प्रतिशत सैनिकों को वापस बुलाया है । पिछले वर्ष गलवान घाटी में संघर्ष के बाद चीन ने यहां ५० सहस्र से अधिक सैनिक तैनात किए थे ।
‘चीन को उंगली पकडाई, उसने पहुंचा पकडा’ इससे यही स्पष्ट होता है ! आज तमिल भाषा को हटाने वाला चीन कल संपूर्ण श्रीलंका को अपने नियंत्रण में ले लेगा इसका आश्चर्य न हो ! कोलंबो (श्रीलंका) – श्रीलंका सरकार के प्रकल्पों के विषय में प्रदर्शित होने वाले बैनरों पर हमेशा अंग्रेजी, सिंहली और तमिल इन … Read more
जहां कोरोना की उत्पत्ति हुर्इ थी, उस चीन में कोरोना का संक्रमण पुनः फैलने लगा है । कोरोना के रोगी पाए जाने के कारण चीन के ग्वांगडोंग क्षेत्र में अनेक प्रतिबंध लगाए गए हैं ।
पिछले वर्ष लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष में चीन के मृत हुए सैनिकों की संख्या के विषय में संदेह करने वाले एक ब्लॉगर को हिरासत में लिया है ।
चीन अपने देश के शिनजियांग प्रांत से उगूर मुसलमानों का अस्तित्व ही समाप्त करना चाहता है तथा इस दिशा में वहां की सरकार योजनाबद्ध पद्धति से कार्य कर रही है ; ऐसी चौंकाने वाली सूचना एक रिपोर्ट के अनुसार सामने आई है । इस रिपोर्ट की सूचना के अनुसार शिनजियांग प्रांत की सबसे बडी मस्जिद के इमाम को चीन ने २०१७ में ही कारागृह में डाल दिया था तथा उसे १५ वर्ष का दंड सुनाया गया था । इसके अतिरिक्त, अनेक मुसलमान नेताओं को विभिन्न आरोपों में कारागृह में डाला गया है ।
लद्दाख के उपरांत, चीन ने अब उत्तर पूर्वी भारतीय सीमा के समीप अपनी गतिविधियां आरंभ की है । चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा तक पहुंचने के लिए एक महामार्ग बनाया है । यह महामार्ग तिब्बत के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र को जोडा जाएगा । इस महामार्ग पर २ किमी लंबा सुरंग भी है । यह महामार्ग चीन की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है । यह महामार्ग चीन को तिब्बत के अन्य शहरों से जोडेगा । यह महामार्ग भारत की सुरक्षा के लिए संकट बन सकता है ।