अमेरिकी सैनिकों के लौटने के कारण चीन का अफगानिस्तान की ओर ध्यान !
इस आर्थिक महामार्ग के नाम पर चीन अफगानिस्तान को निगल जाएगा, यही सत्य है ! ऐसे चीन से भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता है !
काबुल – अफगानिस्तान में २० वर्षों के युद्ध के पश्चात अमेरिकी सैनिक वहां से लौट रहे हैं । चीन इसका लाभ उठाने का प्रयास करता हुआ दिखार्इ दे रहा है । चर्चा है कि, चीन-पाकिस्तान आर्थिक महामार्ग (‘सीपीईसी’) के माध्यम से चीन अफगानिस्तान में प्रवेश करने की तैयारी में है ।
१. अफगानिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों पर चीन की दृष्टि है । इसीलिए चीन सीपीईसी का विस्तार अफगानिस्तान तक करने के लिए प्रयासरत है । अफगानिस्तान सरकार के अधिकारी इस परियोजना पर विचार कर रहे हैं । चीन इस परियोजना के माध्यम से संसार के अन्य देशों को जोडने का प्रयास कर रहा है ।
२. पाकिस्तान के पेशावर शहर से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल तक महामार्ग बनाने के लिए चीन प्रयासरत है । यदि महामार्ग बन जाता है तो यह चीन के सीपीईसी परियोजना का भाग होगा । चीन विगत पांच वर्षों से काबुल तक अपनी परियोजना का विस्तार करने का प्रयास कर रहा है । अफगानिस्तान सरकार पर अमेरिकी दबाव होने के कारण चीन के प्रयास सफल नहीं हो रहे थे । अब अमेरिका अफगानिस्तान से पीछे हट रहा है, इसलिए अफगान सरकार चीन का स्वागत कर सकती है ।
३. अमेरिका के पीछे हटने के साथ, अफगानिस्तान में पुनः तालिबानी शासन लौटने की संभावना व्यक्त की जा रही है ।इसलिए अफगान सरकार को एक सबल मित्रदेश की आवश्यकता है । सूत्रों ने जानकारी दी है कि, अफगान सरकार की इच्छा है कि उस मित्रदेश द्वारा अफगान सेना को बडी मात्रा में सहायता प्राप्त हो ।