रक्षा मंत्रालय द्वारा अस्त्र-शस्त्र निर्मिति करनेवाले प्रतिष्ठानों को चेतावनी
नई देहली – रक्षा मंत्रालय ने अस्त्र-शस्त्र निर्मिति करनेवाले निजी प्रतिष्ठानों को चेतावनी देते हुए उनके आयुध कहां पहुंच रहे हैं ?, इसपर निकट से ध्यान रखने के लिए कहा है ।
“Where are your weapons ending up? Keep a watch!”
The Ministry of Defence warns arms manufacturing establishments
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— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) June 2, 2024
१. ‘युरेशियन टाइम्स’ के समाचार के अनुसार इस वर्ष के आरंभ में कुछ प्रसारमाध्यमों ने दावा किया था कि, ‘भारत में बनाए १५५ एम्.एम्. आर्टिलरी शेल्स शस्त्र युक्रेन में प्रयुक्त हो रहे हैं ।’ इस दावे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायस्वाल ने पत्रकार वार्ता में बताया था कि, ‘भारत की ओर से युक्रेन को किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र भेजे नहीं गए हैं ।’ इस घटना के उपरांत अब रक्षा मंत्रालय ने अस्त्र-शस्त्र निर्मिति करनेवाले निजी प्रतिष्ठानों को उपर्युक्त चेतावनी दी है । मंत्रालय ने इन प्रतिष्ठानों को ‘एंड यूजर सर्टिफिकेशन’ के नियमों का पालन कठोरता से करने के लिए बताया है । इसके द्वारा भारत से निर्यात हुए शस्त्र अंत में कहां पहुंचते हैं ? इसकी निश्चिति की जाती है । वर्तमान में युक्रेन, तुर्कीये, चीन और पाकिस्तान को शस्त्र-अस्त्र बेचनेवाले भारतीय प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध हैं ।
२. कुछ दिन पहले स्पेन ने दावा किया था कि भारत से इजरायल की ओर विस्फोटक लेकर जानेवाली नौका को उसके बंदरगाह पर रूकनेकी अनुमति नहीं दी गई थी । डेन्मार्क का राष्ट्रीय ध्वज फहराई हुई यह नौका चेन्नई से इजरायल के हैफा बंदरगाह की ओर जा रही थी । उसमें शस्त्र थे; परंतु ये अस्त्र-शस्त्र भारत के हैं अथवा किसी अन्य देश के ?, यह बताया नहीं गया । इस विषय में विदेश मंत्रालय से पूछा जाने पर प्रवक्ता रणधीर जायस्वाल ने बताया था कि इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है ।
३. पिछले २ वर्षों में म्यांमार की सेना को भारतीय प्रतिष्ठानों द्वारा ४२० करोड रुपयों के शस्त्र-अस्त्र और संबंधित वस्तुएं मिलने का दावा संयुक्त राष्ट्रों ने किया था । संयुक्त राष्ट्रों के प्रतिवेदन में कहा है कि सेना ने इन शस्त्र-अस्त्रों का उपयोग लोगों के विरुद्ध हिंसाचार के लिए किया था, इसका प्रमाण मिला है ।