नलदुर्ग (धाराशिव) में ‘अफसान यंत्रकरघा गारमेंट’ को नियमबाह्य पद्धति से सरकार द्वारा ३ करोड १५ लाख रुपए का ऋण  !

  • प्रशासकीय अधिकारियों के घोटालों के कारण सरकार की करोडों रुपए की आर्थिक हानि  !

  • हिन्दू विधीज्ञ परिषद की सूचना एवं अधिकार के माध्यम से प्राप्त जानकारी द्वारा धक्कादायक प्रकार उजागर  !

धाराशिव, २३ मई (समाचार) – ‘अफसान यंत्रकरघा गारमेंट औद्योगिक सहकारी संस्था मर्यादित’ नलदुर्ग, ता. तुळजापुर, जिला धाराशिव संस्था में महाराष्ट्र सरकार द्वारा निवेशित धन एवं दिया हुआ ऋण डुबने की स्थिति निर्माण हुई है । इसमें जो शर्तें एवं नियम रखे गए थे, उनका उल्लंघन करनेवाले प्रशासकीय अधिकारियों के कारण वस्त्रोद्योग विभाग की करोडों रुपए की हानि होने का भय हिन्दू विधीज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने एक प्रसिद्धी पत्रक द्वारा व्यक्त किया ।

अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर

इस प्रसिद्धी पत्रक में अधिवक्ता इचलकरंजीकर ने आगे कहा, ‘उपरोक्त संस्था को ‘शासन निर्णय क्र. यंत्रकरघा २००९/ प्र.क्र.२६१/ टेक्स-२’ अन्वय से दिए गए धन का २० प्रतिशत तक प्रत्येक संचालक की संपत्ति अनामत रखना, साथ ही संस्था का त्रैमासिक प्रगति विवरण (रिपोर्ट) लेना भी अनिवार्य है । ऐसे में यदि यह दोनों शर्तें अपूर्ण रखी गईं तो,सरकार के पूंजी के रूप में एवं ऋण के रूप में दिए गए ३ करोड १५ लाख रुपए की राशि संबंधित खाते के अधिकारी एवं कर्मचारियों के अक्षम्य घोटालों के कारण डूब जाएगी, ऐसी विदारक स्थिति है ।’

हिन्दू विधीज्ञ परिषद ने सूचना एवं अधिकार के माध्यम से संबंधित आर्थिक व्यवहार की जानकारी प्राप्त की, तब यह घोटाला सामने आया; परंतु सूचना एवं अधिकार में जब जानकारी मंगाई गई, तब कुछ हास्यास्पद एवं धक्कादायक जानकारी सामने आई है । इसमें मुख्यतः ‘सरकारी शर्तों के अनुसार लाभार्थी संस्था के प्रत्येक संचालक की मिलाकर कुल राशि की २० प्रतिशत संपत्ति अनामत (तारण) रखना अनिवार्य होते हुए भी केवल संबंधित अध्यक्षों की कुछ संपत्ति अनामत रखी गई है तथा यह बात सूचना एवं अधिकार निवेदन में दिखाने के उपरांत ‘नलदुर्ग के गांव का वसूली कारकून सदर बोजा चढाने की कार्यवाही कर रहा है’, ऐसा हास्यास्पद उत्तर दिया है; साथ ही संचालक, वस्त्रोद्योग नागपुर एवं प्रादेशिक उपसंचालक, छत्रपति संभाजीनगर ने संस्था के कामकाज पर ध्यान रखकर मासिक प्रगति विवरण प्रस्तुत करना चाहिए । इस संदर्भ में जानकारी देते समय यह विवरण दिया नहीं जा रहा, ऐसा टालमटोल उत्तर दिया गया है ।

इस कारण ‘अफसान यंत्रकरघा गारमेंट औद्यागिक सरकारी संस्था मर्यादित, नलदुर्ग’ संस्था चल रही है क्या ? अथवा बोगस संस्था निकालकर पैसे हडप किए गए है ?, ऐसा संदेह निर्माण होता है । इस संदर्भ में हिन्दू विधीज्ञ परिषद ने सरकार से कुछ मांग की है । इन में कहा गया है कि यह देखें कि क्या यह संस्था एवं संचालकों की अमानत राशि की वर्तमान स्थिति सरकार के निर्णय के अनुसार है ? संस्था के बकाया विषय में संस्था की संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही आरंभ करें । जिन सरकारी अधिकारियों पर इस संस्था पर ध्यान रखकर विवरण प्रस्तुत करने का दायित्व था, उनकी विभागीय जांच कर उन पर कठोर कानूनन कार्रवाई की जाए । साथ ही अपने खाते के अथवा वस्त्रोद्योग विभाग के जालस्थल पर राज्यस्तर पर  सहकारी संस्थाओं को दी गई पूंजी एवं उनके द्वारा वापस दिया गया धन का विवरण एवं उनके कामकाज की रिपोर्ट प्रकाशित करें ।’ ऐसी मांग भी अधिवक्ता इचलकरंजीकर द्वारा की गई है ।