मुंबई (महाराष्ट्र) – वाहनों की फ्रंट लाइट (हेडलाइट) में आंखों के लिए हानिकारक ‘बल्ब’ (लाइट) वाले वाहनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे हानिकारक लैंप की रोशनी आंखों पर पड़ने से आंखें चमकने लगती हैं। इससे दुर्घटनाएं भी हुई हैं और कुछ की मौत भी हुई है। इसलिए, हिंदू जनजागृति समिति के सुराज्य अभियान ने राज्य सरकार से वाहनों पर घातक रोशनी जलाकर नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। सुराज्य अभियान ने इस बारे में राज्य के गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को पत्र लिखकर शिकायत की है।
सुराज्य अभियान के समन्वयक श्री.अभिषेक मुरकुटे ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ”वाहनों की लाइटों को इस तरह से खतरनाक ढंग से बदलना एक अपराध है। अगर तेज रोशनी ड्राइवर की आंखों या पैदल चलने वालों की आंखों पर पड़ती है, तो कुछ पल के लिए आंखें चौंधिया जाएंगी।”
आने वाला ड्राइवर वाहन पर से नियंत्रण खो सकता है या उसका ध्यान भटक सकता है। इससे दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। गुजरात में परिवहन विभाग ने चार पहिया वाहन पर ‘एल.ई.डी.’ ‘व्हाइट लाइट’ लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया गया है। ऐसी लाइट वाली गाड़ियों के मालिकों पर भी कार्रवाई की जा रही है। अहमदाबाद में क्षेत्रीय परिवहन विभाग ने ‘एल.ई.डी.व्हाईट लाईट’ वाली गाड़ियों पर कार्यवाही का अभियान शुरू किया है। आंखों के लिए खतरनाक चमकती लाइटें लगाने वालों पर “पुलिस को उतनी ही तत्परता से कार्रवाई करनी चाहिए जो कारवाई वो बिना हेलमेट, सीट बेल्ट नही रहेगा या टिंटेड ग्लास लगाने वालोंपर या मदिरा पीकर गाड़ी चलाने पर करते हैं।”
ड्राइवर, मालिक और विक्रेता पर भी हो कार्रवाई! ‘
‘एल.इ.डी. व्हाईट लाईट’ लगाने वालों पर तो दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए; लेकिन जब तक ऐसी लाइटें नहीं बदली जातीं, तब तक संबंधित वाहनों को पुलिस द्वारा जब्त कर लिया जाना चाहिए। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को रात में छापेमारी करनी चाहिए।
नाकाबंदी के स्थानपर खतरनाक लाइट वाले वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए जाएं। इस संबंध में क्षेत्रीय परिवहन विभाग द्वारा जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाना चाहिए। वहीं, ऐसे दीये बेचने वाले दुकानदारों, खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं पर भी कार्रवाई करनी चाहिए ऐसी मांग सुराज्य अभियान द्वारा की है ऐसी जानकारी श्री अभिषेक मुरुकटे ने दी ।