भारत को ‘विशेष चिंता का देश’ बताने से नाराज हैं अमेरिकी हिन्दू !
न्यूयॉर्क (अमेरिका) – अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की हाल ही की एक रिपोर्ट में भारत को ‘विशेष चिंता का देश’ बताया गया है। इसके ऊपर अमेरिका के विशेषज्ञ ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
इस बारे में संगठन के नीति एवं रणनीति विभाग के अध्यक्ष श्री. खंडेराव कांड ने कहा, ”यह रिपोर्ट गलत तथ्यों पर आधारित है और पक्षपातपूर्ण तरीके से साबित की गई है।
‘हिंदू’ दुनिया में तीसरे नंबर का धर्म रहकर भी उसका एक भी सदस्य इस आयोग मे नहीं है।।यह बेहद अनुचित है।” अमेरिकी आयोग ने १७ मई को ३ नए सदस्यों की नियुक्ति की घोषणा की। इनमें २ ईसाई और १ मुस्लिम हैं, जबकि २ ईसाइयों को दोबारा नियुक्त किया गया है। आयोग के माजी आयुक्त अब्राहम कूपर , डेव्हीड करी, फ्रेडरिक डेवी महमद मॅगीड, नूरी टर्केल और फ्रैंक वोल्फ का कार्यकाल मई में समाप्त हो गया। जब भारत में चुनाव चल रहे हों तो इस रिपोर्ट को प्रसारित करना समझ से परे है। ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’
खंडेराव कांड ने आगे कहा कि,
१. अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की वार्षिक रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण है। रिपोर्ट में पूरी सच्चाई पेश नहीं की है। कई तथ्य छिपाए गये हैं। यह भारत विरोधी रिपोर्ट है।
२. रिपोर्ट में भारत को ‘विशेष चिंता का देश’ बताया गया है। जब भारत में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया (चुनाव) चल रही हो तो भारत के संबंध में ऐसी सिफारिश करना अतार्किक है।
Hindus not represented in USCIRF, says Khanderao from FIIDSUSA Indian diaspora body https://t.co/NQ7updb8SA
— Khanderao Kand (@khanderao) May 18, 2024
३. रिपोर्ट केवल एक विशेष धर्म के सूत्रों पर केंद्रित है।
४. भारत में हिंदू-मुस्लिम दंगों का इतिहास रहा है; लेकिन पिछले साल भारत में कोई दंगा नहीं हुआ।हालाँकि, इस रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
१७ देशों को ‘विशेष चिंता वाले देश’ के रूप में चिह्नित किया गया!
अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने मई की शुरुआत में अपनी वार्षिक रिपोर्ट में १७ देशों को ‘विशेष चिंता वाले देश’ घोषित किया था। इन देशों पर मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। सूची में म्यानमार, चीन, क्यूबा, इरिट्रिया, इरान, निकाराग्वा, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरेबिया, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, साथ ही अफगानिस्तान, अजरबैजान, भारत, नायजेरिया और व्हिएतनाम शामिल हैं।
संपादकीय भूमिका
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