संपूर्ण देश में ७५७ स्थानों पर सामूहिक गदापूजन !

रामराज्य की स्थापना हेतु आध्यात्मिक बल मिले; इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति एवं समविचारी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का प्रयास

मुंबई (महाराष्ट्र) – हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में ‘गदापूजन’ के माध्यम से हिन्दुओं में विद्यमान शौर्य का जागरण हो तथा रामराज्य के कार्य हेतु आध्यात्मिक बल मिले, इस उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति तथा समविचारी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के सहभाग से संपूर्ण देश में ७५७ स्थानों पर सामूहिक ‘गदापूजन’ किया गया । इस अवसर पर रामराज्य की स्थापना हेतु सामूहिक प्रतिज्ञा ली गई ।

महाराष्ट्र में ६४२ स्थानों पर गदापूजन

पुणे में गदापूजन करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुनील घनवट

मुंबई, रायगड, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, सातारा, कोल्हापुर, सोलापुर, छत्रपति संभाजीनगर, नासिक, जळगांव, अमरावती, यवतमाळ सहित संपूर्ण महाराष्ट्र राज्य में ६४२ स्थानों पर सामूहिक गदापूजन के कार्यक्रम संपन्न हुए । पुणे में आयोजित गदापूजन कार्यक्रम में सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु स्वाती खाडयेजी एवं पू. (श्रीमती) मनीषा पाठक की वंदनीय उपस्थिति थी, साथ ही विभिन्न स्थानों पर हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पदाधिकारी तथा युवावर्ग बडी संख्या में उपस्थित थे ।

गोवा राज्य में ३३ स्थानों पर, कर्नाटक में ४१, बंगाल में १०, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में कुल १४ स्थानों पर, नई देहली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में कुल २० अर्थात संपूर्ण देश में कुल ७५७ स्थानों पर सामूहिक गदापूजन संपन्न हुआ ।

रामराज्य की स्थापना हेतु हिन्दुओं को हनुमानजी की भांति भक्ति एवं शौर्य बढाना आवश्यक ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

श्री. रमेश शिंदे

हनुमानजी ने अपनी दैवीय गदा से अनेक बलशाली असुरों एवं राक्षसों का संहार कर प्रभु श्रीरामचंद्रजी के ‘रामराज्य’ हेतु बडा योगदान दिया । महाभारत के युद्ध में भी हनुमानजी ने अर्जुन के रथ पर विराजमान होकर पांडवों को धर्मयुद्ध जीतने में दैवीय सहायता की । छत्रपति शिवाजी महाराज के हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना हेतु समर्थ रामदासस्वामीजी ने ११ स्थानों पर हनुमानजी की मूर्तियां प्रतिष्ठापित कर सैनिकों से बलोपासना करवा ली । अब अयोध्या में ५०० वर्ष उपरांत रामलला (श्रीराम के बालक रूप) पुनः विराजमान हुए हैं । ऐसी स्थिति में हिन्दुओं को पुनः एक बार रामराज्य की स्थापना हेतु हनुमानजी की भांति भक्ति एवं शौर्य की उपासना करना आवश्यक है । इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में सर्वत्र ‘गदापूजन’ के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया ।