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मुंबई – संसार के करोडों हिन्दू जिसकी आतुर होकर प्रतीक्षा कर रहे हैं, ऐसा ‘स्वतंत्रतावीर सावरकर’ चलचित्र २२ मार्च को पूरे संसार में प्रदर्शित होनेवाला था; परंतु सेंसर बोर्ड ने हिंदी चलचित्र को प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक अनुमति पत्र अंतिम क्षण में अर्थात २१ मार्च को दोपहर डेढ बजे दिया । हिंदी चलचित्र को अनुमति मिलने पर ही मराठी चलचित्र के लिए आवेदन कर सकते है । विश्वसनीय सूत्रों द्वारा ‘सनातन प्रभात’ को यह जानकारी मिली । इस संदर्भ में सर्वत्र के हिन्दुओं में आक्रोश की लहर उमड गई है ।
सूत्रों ने दी जानकारी के अनुसार सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष सय्यद राबी हाशमी ने इस चलचित्र को लेकर निर्माताओं को अनेक प्रश्न पूछकर त्रस्त किया । साथही हिंदी चलचित्र को अंतिम क्षण में अनुमति दी । विशेष बात तो यह है कि ब्रिटेन में इस चलचित्र को तुरंत अनुमति दी गई; परंतु भारतीय सेंसर बोर्ड ने इस चलचित्र के प्रदर्शित होने में बहुत बाधाएं उत्पन्न की । संक्षेप में ऐसा कहना होगा कि सेंसर बोर्ड की समस्याएं उत्पन्न करने की तथा अधिकतर हिन्दुद्वेषी भूमिका के कारण स्वतंत्रतावीर सावरकर के चलचित्र को समय पर प्रदर्शित होने में एक प्रकार से अनुमति देने में नकारा ही गया है ।
🚨 BIG BREAKING!!! 📷
SICKENING!
Marathi version of #SwatantryaVeerSavarkar won't be aired in Maharashtra on March 22!
Thanks to the anti-Hindu and the left-liberal agenda of the #CBFC – the censor board.
"A certificate for the Hindi movie was requested a week ago. It… pic.twitter.com/wMhOIMgxPc
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 21, 2024
‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि ने इस विषय पर सेंसर बोर्ड के प्रांतीय अधिकारी और चलचित्र को अनुमति देनेवाले सय्यद राबी हाशमी से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि, ‘चलचित्र के संदर्भ में हम केवल आवेदनदाता से ही बात करते हैं ।’ ये अधिकारी वही हैं, जिन्होंने २ महिने पहले प्रदर्शित हुए ‘छत्रपति संभाजी’ चलचित्र के प्रदर्शित होने में बहुत बाधाएं उत्पन्न की थी । हाशमी ने ‘छत्रपति संभाजी महाराज को इस्लाम स्वीकार ने के लिए औरंगजेब ने दबाव निर्माण किया’, इस सत्य घटना के संदर्भ में प्रमाण मांगा था । (बार-बार घटनेवाली ऐसी घटनाओं से ध्यान में आता है कि, ‘मुसलमान पहले मुसलमान होते हैं और बाद में कुछ और’ ! ऐसे लोगों को नौकरी से निकालने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकूर को कदम उठाने चाहिए, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है ! – संपादक)
निर्माता निर्देशक-लेखक और अभिनेता रणदीप हुडा ने सर्वस्व का त्याग कर बनाया चलचित्र !
रणदीप हुडा ने इस चलचित्र की निर्मिति के लिए प्रयत्नों की परिसीमा की है । सावरकर की भूमिका निभाने के लिए न केवल अपना वजन ३० किलो से कम किया, किंतु अपना घर बेचकर धन जमाया । साथही उन्होंने एक साथ निर्माता, निर्देशक, लेखक और अभिनेता ऐसी चार भूमिकाएं भी निभाई हैं ।
संपादकीय भूमिका
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