श्रीराम को काल्पनिक कहनेवाली कांग्रेस द्वारा उनकी सीख अंगीकार करने का आवाहन !

मुंबई की सभा में राहुल गांधी का संबोधन !

मुंबई – देश में कांग्रेस की सरकार थी, तब रामसेतु तोडने की अनुमति मिले, इसलिए कांग्रेस ने प्रभु श्रीरामजी का अस्तित्व ही अस्वीकार कर दिया था । वर्ष २००७ में ‘रामसेतु प्रभु श्रीराम निर्मित नहीं है’, ऐसा कहते हुए कांग्रेस ने प्रतिज्ञापत्र द्वारा सीधे ही ‘राम काल्पनिक पात्र है’, ऐसी भूमिका सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत की थी । अब उसी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने १७ मार्च को शिवाजी पार्क मैदान के ‘इंडी’ गठबंधन सार्वजनिक सभा में रामजी की सीख को अंगीकार करने का आवाहन किया है ।

राहुल गांधी ने भाषण के अंत में कहा, ‘महात्मा गांधी, बुद्ध, भगवान राम ने ‘द्वेष के हाट में प्रेम की दुकान खोलें’, ऐसा संदेश दिया एवं रामजी की सीख को अंगीकार करने का आवाहन किया ।’ इस कारण क्या इससे पूर्व श्रीरामजी को काल्पनिक कहनेवाली कांग्रेस अब चुनाव में लाभ के लिए श्रीरामजी का नाम ले रही है ? ऐसा प्रश्‍न निर्माण हो रहा है !

संपादकीय भूमिका

अंग्रेजी में कहावत है, जिसका हिन्दी अर्थ है – ‘आप किसी को सदा मूर्ख नहीं बना सकते !’ क्या कांग्रेस हिन्दुओं को मूर्ख समझती है ? उसे ऐसा भले ही लगता हो, तब भी हिन्दुओं द्वारा कांग्रेस को पूर्णतः अस्वीकार किया गया है, यह बात राहुल गांधी को भूलनी नहीं चाहिए !