प्रधानमंत्री मोदीजी ने समुद्र के तल में स्‍थित द्वारिका के दर्शन किए !

गांधीनगर (गुजरात) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी गुजरात की यात्रा पर हैं । उन्‍होंने इस समय ४८ सहस्र करोड रुपए के भिन्‍न भिन्‍न विकासकामों का उद्घाटन किया । इस समय उन्‍होंने समुद्र के तल में स्‍थित प्राचीन द्वारिका के ‘स्‍कूबा डाइविंग’ द्वारा दर्शन लिए । ‘स्‍कूबा डाइविंग’ पानी के नीचे तैरने का एक प्रकार है । इसके लिए भिन्‍न भिन्‍न उपकरणों का प्रयोग किया जाता है । सामान्‍यतः समुद्र के नीचे की जीवसृष्टि का अध्‍ययन अथवा समुद्र के नीचे पर्यटन के लिए उसका उपयोग किया जाता है ।

सौजन्य : रिपब्लिक भारत 

समुद्र की गहराई में जाने के पश्‍चात मैं ईश्‍वर को अनुभव कर सका ! – प्रधानमंत्री मोदी

‘मैंने समुद्र की गहराई में जाकर प्राचीन द्वारिकानगरी के दर्शन किए । समुद्र में गहराई में जाने के उपरांत मुझे ईश्‍वर का अनुभव हुआ । मैं द्वारकाधीश के सामने नतमस्‍तक हुआ । मैं अपने साथ मोरपंख ले गया था । वह मैंने श्रीकृष्‍ण के श्रीचरणों में चढाया । मुझे सदैव प्राचीन द्वारिकानगरी के अवशेषों को स्‍पर्श करने की उत्‍सुकता थी । इस दर्शन के पश्‍चात मैं भावविभोर हो गया हूं ।’

देश के सबसे बडे ‘केबल ब्रिज’ का प्रधानमंत्री मोदीजी के करकमलों द्वारा उद्घाटन

(‘केबल ब्रिज’ अर्थात स्‍तंभ समान बडी तारों द्वारा निर्माण किया गया पुल)

२५ फरवरी को द्वारिका में ४.७७ किलोमीटर लंबाई के ‘सुदर्शन सेतु’ नामक पुल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के करकमलों द्वारा उद्घाटन किया गया । यह भारत का सबसे लंबा ‘केबल ब्रिज’ है । इस पुल के निर्माण के लिए ९७९ करोड रुपए व्‍यय किए गए हैं । ओखा एवं बेट द्वारिका को यह पुल जोडता है । अक्‍टूबर २०१७ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने इस पुल के निर्माणकार्य के लिए भूमिपूजन किया था । यह पुल २७.२० मीटर चौडा है एवं इस पर ४ ‘लेन’ का मार्ग है । इस मार्ग के दोनों ओर लगभग ढाई मीटर लंबे पदपथ (फूटपाथ) हैं । इन पदपथ के बाजू में श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक एवं भगवान श्रीकृष्‍ण के चित्र लगाए गए हैं । इसी पुल के समीप भगवान श्रीकृष्‍ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर भी है ।

सौजन्य : डीडी न्यूज