Church Encroachment Government Land : चर्च द्वारा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर प्राप्त किया हुआ स्वामित्व अधिकार वैधानिक नहीं हैं ! – केरल उच्च न्यायालय

  • केरल राज्य के वायनाड जिले का प्रकरण

  • सरकार द्वारा चर्च से भूमि पर नियंत्रण वापस लेने का राज्य सरकार को आदेश !

कोची (केरल) – केरल उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘चर्च द्वारा सरकारी भूमि पर दशकों पूर्व अतिक्रमण कर प्राप्त स्वामित्व अधिकार वैधानिक प्रमाणित नहीं हो सकता । चर्च को यह माल-संपत्ति देने के पीछे कोई भी सार्वजनिक हित नहीं है । राज्य सरकार को अतिक्रमित सरकारी भूमि वापस नियंत्रण में लेने का कार्य करना चाहिए ।’ वायनाड जिले के भूमिहीन आदिवासी समुदाय के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने पूरे समाज की ओर से यह याचिका प्रविष्ट की थी । उन्होंने याचिका द्वारा वायनाड के आदिवासी परिवारों को निवासी भूखंड एवं खेती के लिए भूमि बांटना सुविधापूर्ण करने हेतु सरकार से निर्देश देने की मांग की थी ।

१. उन्होंने इस याचिका द्वारा आरोप लगाते हुए कहा था, ‘सरकार द्वारा ५.५३५८ हेक्टर भूमि ‘कल्लोडी सेंट जॉर्ज फोरेन चर्च’ को एक आदेश द्वारा १०० रुपए प्रति एकड जैसी अपर्याप्त राशी देकर अवैधानिक पद्धति से हस्तांतरित की गई है ।’

२. न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हीकृष्णन के खंडपीठ ने कहा कि चर्च को भूमि का दिया स्वामित्व का अधिकार स्थायी नहीं है तथा उसमें कोई सार्वजनिक हित नहीं है । सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर उस पर गैरकानूनी निर्माणकार्य करने का अतिक्रमणकारियों को कोई भी निहित अधिकार नहीं मिल सकता । सरकारी भूमि दीनदलितों को दी जाए, धनवानों को नहीं ।

३. न्यायालय ने आगे कहा, ‘वायनाड जिले की अनुमान से २० प्रतिशत जनसंख्या आदिवासी समुदाय की है । यहां के आदिवासी लोग निवासी भूखंड एवं खेती के लिए भूमि मिलने की प्रतीक्षा में हैं । उनके चेहरे की प्रसन्नता सदैव बनी रहे, इसकी  राज्य को निश्‍चिती करनी होगी ।’

संपादकीय भूमिका 

इटली के राजकुमार के चुनावक्षेत्र का यह प्रकरण होने से न्यायालय के इस आदेश का स्थानीय प्रशासन अथवा सरकार पालन करेगी, ऐसा लगना, यह दिवास्वप्न है, यदि कोई ऐसा कहे, तो इस में चूक क्या है ?