ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने इस्लाम अथवा पैगंबर का अपमान करनेवालों को फांसी का दंड सुनाने की सिफारिश की है । इसी समय यूनुस सरकार में सम्मिलित एक मौलाना ने देश में सउदी अरेबिया की मस्जिद समान मस्जिद विकसित करने की बात कही है । इस से बांग्लादेश का इस्लामीकरण किया जा रहा है, ऐसा ही दिखाई दे रहा है ।
१. बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने कहा कि कुरान तथा मोहंम्मद पैगंबर के विरोध में अनावश्यक, निर्लज्ज, हठीला तथा भड़काऊ भाषण करना ऐसे कृत्य के लिए फांसी का दंड अथवा आजीवन कैद समान दंड का प्रावधान होना चाहिए अथवा नहीं , इस पर संसद को विचार करना आवश्यक है । किसी भी धर्म के लोगों को आहत करनेवाले अथवा उनमें भय तथा आतंक उत्पन्न करनेवाले ऐसे किसी भी प्रक्षोभक भाषण अथवा कृत्यों को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए ।
२. मोहम्मद यूनुस सरकार में रहनेवाले खालिद हुसैन ने सउदी अरेबिया की मदीना मस्जिद की ढंग पर चितगाव में मस्जिद विकसित करने की घोषणा की है । सरकार इसके लिए १० करोड रुपए व्यय करेगी ।
संपादकीय भूमिकायदि बांग्लादेश से उच्च न्यायालय ही ऐसी मांग करता है, तो भारत के हिन्दुओं ने उनके धर्म का अपमान करनेवालों को ऐसा दंड देने की मांग की, तो उसमें क्या चूक है ? |