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बीरगंज (नेपाल) – नेपाल के रौतहट जिले में १५ फरवरी को श्री सरस्वती देवी की मूर्ति विसर्जन शोभायात्रा पर धर्मांध कट्टरपंथी मुसलमानों ने आक्रमण कर दिया । जब शोभायात्रा यहां ईशानाथ के समीप स्थित मस्जिद के सामने आयी , तब मुसलमानों के साथ वाद विवाद हो गया तथा उसके उपरांत मुसलमानों द्वारा उन पर पथराव किया गया। इस कारण तीन दिनों तक प्रतिमा का विसर्जन नहीं हो सका। अंतत: प्रशासन ने संज्ञान ले कर मूर्ति का विसर्जन कराया। १५ फरवरी की घटना के विरोध में हिन्दू संगठनों ने बीरगंज बंद की घोषणा की थी । उस समय भी धर्मांध कट्टर मुसलमान बडी संख्या में संगठित होकर मार्ग पर उतर आए और शोभायात्रा के मार्ग में लगे खंभों से भगवा झंडे फाडकर नालियों में फेंक दिए। यहां एक मंदिर में भी तोडफोड की गई। इस घटना के उपरांत यहां संचार बंदी लगा दी गई है।
Nepal | Curfew imposed in Birgunj of Parsa until further notice, following a clash between groups. Situation tense; a Hindu group protested against alleged hindrance caused at the time of immersion of Saraswati Idol in Rautahat District.
— ANI (@ANI) February 19, 2024
नेपाल के संगठन ‘हिन्दू सम्राट सेना’ के पदाधिकारी कृष्ण कुमार शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि;
१. हिन्दू शांतिपूर्वक श्री सरस्वती देवी की मूर्ति को नदी में विसर्जित करने जा रहे थे। इस शोभायात्रा के पूर्व एक शांति समिति का भी गठन किया गया था । समिति में हिन्दू और मुसलमान समुदाय से ५-५ सदस्य सम्मिलित थे। दोनों पक्षों ने प्रशासन को आश्वासन दिया था कि वे अपने समुदाय के लोगों का प्रबोधन करेंगे एवं शांति बनाए रखेंगे; तथापि बीरगंज नगर पालिका के, मुसलमान बहुल क्षेत्र से निकलते समय शोभायात्रा को मार्ग के किनारे बनी एक मस्जिद के पास रोक दिया गया।
२. मुसलमानों ने मस्जिद के सामने शोभायात्रा ले जाने पर आपत्ति जताई। इससे दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया। देखते ही देखते मस्जिद के आसपास मुस्लिम घरों से पथराव होने लगा।
३. पथराव में महिलाएं और बच्चे भी सम्मिलित थे। इस पथराव से विसर्जन यात्रा में सम्मिलित नरेश कुमार पासवान और २ नाबालिग हिन्दू बच्चे घायल हो गये। शोभायात्रा को सुरक्षा दे रहे कुछ पुलिसकर्मियों पर भी पथराव किया गया। पथराव के कारण श्री सरस्वती देवी की मूर्ति भी क्षतिग्रस्त हो गई।
४. क्रुद्ध श्रद्धालुओं ने टूटी मूर्ति के साथ आंदोलन प्रारंभ कर दिया। कुछ समय व्यतीत होने के उपरांत प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और हिंदुओं से मूर्ति विसर्जित करने का अनुरोध किया। उस समय अधिकारियों ने दंगा करने वाले मुस्लिमों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
🛑 Fanatic Mu$|!m$ attacked the Sri Saraswati Devi immersion procession in Birgunj (Nepal) & Vandalized the murti
📌Bigots incited violence even during the ‘Bandh’ called to protest the attack
📌Rioters continued to assault in the presence of Police, still no action has been… pic.twitter.com/DKuDI3fysa
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 20, 2024
५. जब हिन्दू मूर्ति विसर्जन करने गए तो मुसलमानों ने पुन: पथराव कर दिया।
६. लगातार हो रही पत्थरबाजी से न केवल हिंदुओं में बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों में भी डर का वातावरण है। अंतत: प्रशासन ने बिना हिंदुओं की उपस्थिति के ही मूर्ति विसर्जित कर दी।
७. लगभग ३ दिन व्यतीत हो जाने के उपरांत भी आक्रमण के संबंध में किसी को भी बंदी न बनाने के कारण हिन्दू संगठनों ने १९ फरवरी (सोमवार) को वीरगंज बंद की घोषणा की थी।
८. ऐसे आक्रमण पूर्व में भी हो चुके हैं। जिहादियों ने श्री दुर्गा पूजा समेत ७ से अधिक धार्मिक आयोजनों में व्यवधान डाला है।
‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाकर हिंसा
हिन्दू सम्राट सेना के अध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि १९ फरवरी को जब हिन्दू समुदाय शांतिपूर्वक बंद का पालन कर रहा था, तब मुसलमान एक बार पुन: मार्गों पर उतर आए। उनके पास लाठियां और अन्य शस्त्र थे। इसमें प्रत्येक आयु के लोगों ने हिस्सा लिया। उन्होंने मार्गों पर ‘नारा-ए-तकबीर’ (अल्लाह सबसे महान है) और ‘अल्लाहु अकबर’ (अल्लाह महान है) चिल्लाते हुए दंगे किये। उस समय उसी हिंसक भीड ने बीरगंज में खंभों पर लगे भगवान श्री राम की छवि वाले भगवा झंडे भी फाड दिए और नाले में फेंक दिए।
नेपाल के रौतहट में इस्लामिक चरमपंथियों का नंगनाच
नेपाल के रौतहट में मुस्लिमों ने भगवा ध्वज नोंचकर नालों में फेंके#Nepal #Jago pic.twitter.com/clyjLholDa
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) February 20, 2024
हिन्दू सम्राट सेना ने नेपाल के प्रधानमंत्री को एक निवेदन प्रेषित कर, निंद्य घटना को एक सुनियोजित षड्यंत्र बताया और देश में बहुसंख्यक समुदाय, जो कि ८१ प्रतिशत हिन्दू है, की स्थिति के संबंध में चिंता व्यक्त की।
नेपाल की महिला पत्रकार किरण जोशी ने अपनी ‘एक्स’ पर एक वीडियो शेयर किया है। इसमें हिंसक मुसलमानों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करते हुए दिखाया गया है। बीच-बीच में काले रंग का पठानी वस्त्र परिधान किए कुछ युवक पुलिस से बचकर भागते भी दिखाई दे रहे हैं।
संपादकीय भूमिका
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