(उलेमा अर्थात इस्लाम धर्म का ज्ञाता)
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – हलाल प्रमाणपत्र देने के प्रकरण में उत्तर प्रदेश के एक बडे उलेमा का नाम सामने आया है । पुलिस के विशेष कृति दल को (‘एस.टी.एफ.’ को) इस विषय में अनेक महत्त्वपूर्ण प्रमाण मिले हैं । ‘आप इंडिया’ ने ये समाचार प्रसारित किया है । इस प्रकरण में ‘एस.टी.एफ.’ ने १२ फरवरी २०२४ को ‘हलाल काऊंसिल ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष मौलाना हबीब युसूफ पटेल, उपाध्यक्ष मौलाना मुईदशीर सपदिहा, महासचिव मुफ्ती ताहिर जाकीर एवं कोषाध्यक्ष मुहम्मद अनवर खान को मुंबई से बंदी बनाया था । हलाल प्रमाणपत्र के नाम पर भिन्न भिन्न कंपनियों द्वारा पैसे ऐंठने का उन पर आरोप था ।
‘इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई’, ‘जमियत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट देहली’ एवं ‘हलाल काऊंसिल ऑफ इंडिया मुंबई’, ये मुसलमान संस्थाएं विविध कंपनियों को हलाल प्रमाणपत्र देती थीं । ‘ये सभी उत्पाद मुसलमानों द्वारा शरीयत के अंतर्गत तैयार किए हैं एवं उनका उपयोग मुस्लिम कर सकते हैं’, यह दिखाने का इस प्रमाणपत्र देने के पीछे उद्देश्य था ।
१. ‘एस.टी.एफ.’ ने हलाल प्रकरण से संबंधित आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज किए हैं एवं उनके सहयोगियों को बंदी बनाया जा रहा है ।
२. यह राशी देश एवं विदेश के बैंक खातों में भेजी जाती थी । इस कारण संदेह है कि उसका प्रयोग देशविरोधी कार्यवाहियों में हो रहा होगा ।
३. अब तक अनुमानतः २० कंपनियों के नाम सामने आए हैं । जिनके साथ उपरोक्त आरोपी व्यवहार करते थे ।
४. पिछले वर्ष योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणपत्र के साथ वस्तुएं बेचने के प्रकरण में लोगों को कारागृह में भेजने का निर्णय लिया था ।