(और इनकी सुनिए…) ‘आज कुत्तों के (हिन्दुओं का) दिन है, कल हमारे होंगे !’- मुफ्ती सलमान अझहरी, जुनागढ (गुजरात) (MuftiSalman On Gyanvapi Pooja)

जुनागढ (गुजरात) के मुफ्ती सलमान ने हिन्दुओं द्वारा ज्ञानवापी में पूजा आरंभ किए जाने को लेकर उगला विष !

मुफ्ती सलमान अझहरी

जुनागढ (गुजरात) – वाराणसी की ज्ञानवापी में हिन्दुओं द्वारा उपासना आरंभ होने से धर्मांध मुसलमान नेता आगबबूला हो गए हैं । यहां के मुफ्ती सलमान अझहरी ने एक कार्यक्रम में हिन्दुओं के विरुद्ध विषवमन किया है । सार्वजनिक रूप से प्रसारित एक वीडियो में अझहरी कहता है,‘कुछ समय के लिए शांति है, बाद में तूफान आएगा । आज कुत्तों का (हिन्दुओं का) समय है, कल हमारी बारी होगी ।’ इस वक्तव्य का २२ सेकंड का वीडियो सर्वत्र प्रसारित हो रहा है । इसमें मूल भाषण ५३ मिनटों का है । मुफ्ती ने एक कार्यक्रम में ३१ जनवरी को यह वक्तव्य दिया है ।

मुफ्ती अझहरी आगे कहता है कि,

१. मस्जिद में मूर्तियां रखने से मस्जिद मूर्तिगृह नहीं बनती । आपने काबा में ३६० मूर्तियां रखीं, तब भी काबा, काबा ही रह गया । हज कभी रुका ही नहीं । (इस वक्तव्य से क्या यह समझ लें कि काबा में हिन्दू देवताओं की ३६० मूर्तियां हैं, इस बात को मुफ्ती ने स्वीकृति दी है ? इसपर ओवैसी जैसे मुसलमान नेताओं को क्या कहना है ? – संपादक)

२. फिलिस्तीन, ईरान, बर्मा (म्यांमार) में सर्वत्र मुसलमानों की हत्याएं हो रही हैं; परंतु उनकी मृत्यु से इस्लाम कभी समाप्त नहीं होगा ।

३. मुसलमानों को स्वयं को ही जागृत करना पडेगा । उनके लिए कोई भी नेता अथवा विरोधी दल आगे नहीं आएगा । क्रांति मुसलमानों के घर से होगी ।

४. मस्जिदों का रुपांतरण मूर्तिगृहों में करने का साहस उनमें (हिन्दुओं में) नहीं है । आप लोगों ने मस्जिदों को छोड दिया है । जब मैदान खुला रहता है, तब कुत्ते राज्य करते हैं । आप लोग खेतों में घूमते रहोगे, तो कुत्ते नहीं रहेंगे ।

५. मुसलमानों, घबराओ नहीं, अल्लाह की महिमा अभी भी शेष है । इस्लाम अभी जीवित है, कुरान शेष है ।

जुनागढ पुलिस की दखलअंदाजी !

इस प्रकरण में पुलिस ने हस्तक्षेप किया है तथा जुनागढ के पुलिस उपायुक्त हितेश धंडालिया ने कहा कि हमने पूरा भाषण हस्तगत किया है और उसे कानून के विशेषज्ञों के पास उनके मत के लिए भेजा है । आक्रमकता दिखानेवालों पर कार्यवाही की जाएगी ।

संपादकीय भूमिका 

  • इस प्रकार के भडकाऊ वक्तव्य देनेवाले मुफ्तियों को बंदी बनाना चाहिए । उनपर कठोर कार्यवाही हुई, तो ही धर्मांध मुसलमान नेताओं पर रोक लग सकती है !
  • विदेशी प्रसारमाध्यमों के अनुसार यदि ‘भारत के मुसलमान भयग्रस्त जीवन जी रहे होते और असहिष्णु हिन्दू उनके साथ अनाचार करते होते’, तो इस प्रकार के वक्तव्य देने का साहस क्या ऐसे मुफ्तियों को होता ?