ईसाईयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने पुनः किया मदिरा का समर्थन !
वैटिकन सिटी – पोप मदिरा के नशे में बोल रहे हैं, आप को ऐसा ही आभास होगा । ईसाईयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कहा ‘‘वाईन, भूमि, कृषि कौशल्य एवं व्यावसायिक कौशल्य ये सभी ईश्वरीय देन हैं । निर्माता ने ये सभी हमें प्रदान किया है; क्योंकि हम उन्हें संवेदनशीलता एवं प्रामाणिकता से हमारे आनंद का सच्चा स्रोत बनाते हैं ।’’ इसके द्वारा उन्होंने ‘मदिरा ईश्वरीय देन है’, ऐसा ही कहा है । वे वेरोना शहर के बिशप (वरिष्ठ पादरी) डोमेनिको पोम्पिली द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे ।
१. पोप फ्रांसिस ने वर्ष २०१६ में भी मदिरा का समर्थन करते हुए वक्तव्य दिया था, ‘‘यदि किसी विवाह में मदिरा न हो, तो उन्हें लज्जा आती है । मानो केवल चाय पीकर ही विवाह समारोह संपन्न हुआ ।’’
२. पोप फ्रांसिस ने जिस कार्यक्रम में यह वक्तव्य दिया, उस समय इटली के अनेक वाईन उत्पादक उपस्थित थे । प्रतिवर्ष अप्रैल में वेरोना में वाईन प्रतियोगिता के पूर्व वैटिकन सिटी में कार्यक्रम का आयोजन होता है । इटली विश्व के दूसरे क्रमांक का वाईन उत्पादक देश है । पिछले कुछ वर्षों से यूरोप की मदिराओं की बोतलों पर स्वास्थ्य के विषय में चेतावनी देने की मांग यूरोपीयन संघ द्वारा की जा रही है; परंतु इटली के वाईन उत्पादकों ने इसका विरोध किया है । इन वाईन उत्पादकों ने पोप फ्रांसिस के वक्तव्य का स्वागत किया है ।
३. पोप फ्रांसिस ने इस समय वाईन उत्पादकों को उनसे संबंधित नैतिक दायित्व निभाने का एवं मदिरापान जैसी अच्छी आदतों को प्रोत्साहन देने के लिए कहा है ।