‘प्रभु श्री राम का आगमन अपने घर में होने वाला है’ इस मनोभाव के साथ श्री राम का पूजन , प्रार्थना एवं श्री राम नाम संकीर्तन करें ! – सनातन संस्था का आवाहन !
मुंबई – १६ से २२ जनवरी की अवधि में अयोध्या के श्रीराम मंदिर में प्रभु श्रीराम की प्राणप्रतिष्ठापना समारोह सहित विभिन्न अनुष्ठान पूरे किए जाएंगे। इसके फलस्वरूप पूरे देश में आनंद व उत्साह का वातावरण है। इस अवसर पर सनातन संस्था श्री राम नाम संकीर्तन अभियान का आयोजन करेगी । जगह जगह पर श्री राम का नाम स्मरण किया जायएगा। प्रभु श्रीराम से राम राज्य प्रस्थापित करने के लिए प्रार्थना करेगी और पूरे देश में ‘श्री राम नाम संकीर्तन अभियान’ के माध्यम से श्री राम का गुणगान करेगी। इसके साथ ही सनातन संस्था की ओर से आवाहन किया गया है कि प्रत्येक कार्य इस मनोभाव से करना चाहिए जैसे ‘भगवान श्री राम आपके घर पधारने वाले हैं’। भगवान श्री राम के मंदिर में अवतरित होने के क्षण का साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त करने के लिए हमें श्री राम के चरणों में अपनी कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए। साथ ही उन कारसेवकों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त की जानी चाहिए जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
आध्यात्मिक स्तर पर भगवान श्री राम तत्त्व का अधिकाधिक लाभ प्राप्त करने के लिए श्री राम के संबंध में जानकारी देने वाली पुस्तिकाएं, श्री राम का सनातन निर्मित चित्र तथा ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ की नाम पट्टी भी उपलब्ध हैं। सभी राम भक्तों को इसका लाभ उठाना चाहिए। इसके साथ ही सनातन संस्थान ने कलश यात्रा, अक्षत वितरण कार्यक्रम आदि में भी अधिक से अधिक भाग लेने का आवाहन किया है।
श्रीरामनाम संकीर्तन अभियान की योजना
१. १५ से २१ जनवरी २०२४ की अवधि में अपने समीप के किसी भी मंदिर में एकत्रित होकर कम से कम ३० मिनट तक सामूहिक रूप से ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ का जाप करें।
२. इसके साथ ही एकत्रित राम भक्तों को प्रतिदिन ५ से १० मिनट का समय ‘भगवान श्री राम के गुणों को अपनाएं’ इस विषय पर प्रवचन देना चाहिए ।
३. अंत में सभी को सामूहिक रूप से राम राज्य के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और श्री राम के चरणों में हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।
४. जो लोग सक्षम हैं, उन्हें कम से कम २२ जनवरी २०२४ को पूर्ण एक सप्ताह तक अपने घर में ‘भगवान श्री राम आपके घर पधारेंगे ” के मनोभाव के साथ भगवान राम की मूर्ति या चित्र की पूजा करनी चाहिए। दिवाली की तरह ही प्रवेश द्वार पर दीप मालाएं लगानी चाहिएं। घर के प्रवेश द्वार पर या आंगन में सात्विक रंगोली बनानी चाहिए। घर पर भगवा ध्वज फहराना चाहिए।