मालदीव प्रकरण को लेकर चीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ द्वारा भारत पर टिप्पणी !
बीजिंग (चीन) – मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष मुइज्जू को ‘चीन समर्थक’ कहना, यह बात भारतीय नेताओं में आत्मविश्वास की न्यूनता दिखाती है । चीन से ईर्ष्या करने के लिए भारत ने अपने पडोसी देशों के साथ संबंध बिगाड दिए । अब इसे चीन को उत्तरदायी न समझा जाए, ऐसी टिप्पणी चीन सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने की है । वर्तमान में मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष मुईज्जू चीन की यात्रा पर हैं । ‘चीन ने कभी भी मालदीव को भारत से दूर रहने के लिए कहा नहीं है । साथही चीन ‘भारत और मालदीव के बीच के संबंधों को संकट के रुप में नहीं देखता’, ऐसा दावा भी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने किया है ।
Opinion: It is hoped India won’t fall into the trap of “China-India competition.” From an economic perspective, strengthening industry chain cooperation with China, rather than seeking to replace China’s industry chain, will help India maximize its interests.… pic.twitter.com/3VfbTzCuHU
— Global Times (@globaltimesnews) December 7, 2023
‘ग्लोबल टाइम्स’ ने आगे कहा है कि,
१. राष्ट्राध्यक्ष मुइज्जू, चीन और भारत का पक्ष नहीं लेते । उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता भी नहीं है । कदाचित वे अपने देश के हित को प्रधानता दे रहे हैं । मुइज्जू को चीन का समर्थक मानकर भारत उनपर दबाव लाना चाहता है ।
२. चीन, भारत और मालदीव के साथ त्रिपक्षीय सहयोग करने के लिए इच्छुक है । भारत को खुले मन से और उदार होकर विचार करना चाहिए । ‘अपना प्रभाव सदैव इस क्षेत्र में रहना चाहिए’, ऐसा भारत का मत है । मालदीव तथा अन्य देशों ने इसका अनुसरण किया और वे चीन से दूर रहे । दक्षिण एशिया के देश चीन की उपेक्षा नहीं कर सकेंगे । भारत को इसपर विचार करना होगा ।
China’s mouthpiece ‘Global Times’ criticises India over #Maldives issue !
‘India has damaged its relations with neighbouring countries while trying to compete with #China and now it should not blame China !’
It is not India, but China that has strained diplomatic ties with its… pic.twitter.com/S9ISiFRJcV
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 9, 2024
संपादकीय भूमिकाअब समय आया है कि भारत चीन को यह बात कठोरता से बतानी चाहिए कि, ‘भारत के नहीं, अपितु चीन के ही उसके पडोसी देशों से संबंध बिगडे हुए हैं । पूरा संसार जानता है कि चीन का कोई मित्र देश नहीं है । चीन जिससे आत्मीयता दिखाता है, वह केवल स्वार्थ के लिए होती है, यह सत्य स्पष्ट है । इसलिए चीन भारत की ओर ऊंगली न दिखाएं, पहले अपनी ओर ही देखे ।’ |