Supreme Court Verdict : गुजरात सरकार को दंड क्षमा करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि महाराष्ट्र के न्यायालय ने निर्णय सुना दिया है !

बिल्किस बानो बलात्कार प्रकरण में अपराधियों का दंड क्षमा करने के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय !

नई देहली – वर्ष २०२३ के १५ अगस्त को गुजरात सरकार ने बिल्किस बानो सामूहिक बलात्कार प्रकरण के ११ दोषियों का दंड क्षमा करने का निर्णय लिया था । इस निर्णय को बिल्किस बानो ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी । न्यायालय ने गुजरात सरकार का निर्णय अनुचित बताया है । न्यायालय ने कहा है कि इस प्रकरण पर महाराष्ट्र के न्यायालय ने निर्णय दे दिया है । इसलिए गुजरात सरकार को दोषियों को क्षमा करने का अधिकार नहीं है ।

वर्ष २००२ में कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा किए गोधरा हत्याकांड के उपरांत हुए दंगों में ११ लोगों पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बिल्किस बानो पर सामूहिक बलात्कार किया था । तदनंतर उनके ७ परिजनों की हत्या भी की गई थी । इस प्रकरण में इन ११ अपराधियों को आजन्म कारावास का दंड भी हुआ था । यद्यपि अपराध गुजरात में हुआ था, तब भी महाराष्ट्र में इस प्रकरण पर अपराधियों पर अभियोग चला कर उनको दंड दिया गया था । इस कारण गुजरात सरकार को अपराधियों को क्षमा करने का निर्णय लेने का अधिकार नहीं है । सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि इस प्रकरण में निर्णय लेने का अधिकार महाराष्ट्र सरकार की परिधि में ही आता है ।