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बेंगलुरू (कर्नाटक) – बेलगावी में हुई एक घटना में एक महिला को पीटा गया । तत्पश्चात उसे नग्न कर पूरे गांव में घूमाकर अपमानित कर बिजली के खंबे को बांधकर रखा गया । कर्नाटक उच्च न्यायालय ने स्वयं इसका संज्ञान लेकर की सुनवाई के समय कर्नाटक सरकार और पुलिस के प्रति आक्रोश व्यक्त किया । न्यायालय ने कहा कि ऐसी घटना के उपरांत देश की अन्य महिलाओं में असुरक्षितता की भावना निर्माण हुई होगी । ऐसी घटना महाभारत में भी नहीं घटी थी । द्रौपदी की सहायता के लिए भगवान श्रीकृष्ण दौडे आए थे; परंतु आजकल के आधुनिक युग में उस महिला की सहायता के लिए कोई दौडकर नहीं आया । दुर्भाग्यवश यह संसार दुर्योधन और दु:शासन का है । उस महिला को दानवों की दया पर छोडा दिया गया । कल्पना करें कि उस महिला पर इससे कितना बडा मानसिक आघात हुआ होगा । आरोपियों को मनुष्य कहने की हमें लज्जा आ रही है । कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है ? ऐसा प्रश्न न्यायालय ने इस समय पूछा ।
न्यायालय ने इस समय पुलिस को प्रश्न पूछा कि, ‘पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने के लिए २ घंटे क्यों लगे ? महिला के साथ इतना हीन व्यवहार हो रहा था, तब पुलिस कहां थी ?’ ऐसा प्रश्न पूछकर इस संदर्भ में सीधे पुलिस आयुक्त को न्यायालय के सामने आकर इस घटना का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत करने का आदेश दिया । साथही न्यायालय ने प्रशासन और आरोपियों को कहा कि इस घटना की अत्यंत कठोरता से जांच की जाएगी ।
क्या है यह प्रकरण ?
बेलगावी में ११ दिसंबर को एक युवति उसकी सगाई के दिन वह उसी गांव में रहनेवाले उसके प्रियतम के साथ भाग गई । इसपर आक्रोशित होकर युवति के परिजन सीधे उस युवक के घर दौडे । उसकी मां को निर्ममता से पीटा और उस महिला को नग्न कर गांव में घुमाया और बिजली के खंबे को २ घंटे बांधकर रखा ।
संपादकीय भूमिका
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