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लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने हाल ही में १० संदिग्ध जिहादी आतंकवादियों के विरुद्ध प्रकरण प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बना लिया है। इनमें आदिल उर रहमान अशरफी, अबू हुरैरा गाजी, नजीबुल शेख, मुहम्मद रशीद, कफीलुद्दीन, अजीम, अब्दुल ई, अबू सालेह, अब्दुल गफ्फार तथा अब्दुल्ला गाजी सम्मिलित हैं । इन सभी पर भारत में मस्जिद बनाने के लिए विदेशों से अवैध रूप से धन प्राप्त करने, रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को अवैध रूप से भारत में बसाने, देश विरोधी गतिविधियां करने आदि का आरोप लगाया गया है। पता चला है कि इनमें से अधिकतर आतंकियों का संबंध ‘दारुल उलूम देवबंद’ से है ।
१. विदेश से मंगाया गया यह पैसा हवाला के माध्यम से नजीबुल शेख तक पहुंचाया जा रहा था । नजीबुल शेख की सहारनपुर में दारुल उलूम देवबंद के पास टोपी तथा इत्र की दुकान है ।
२. नजीबुल ने बांग्लादेशी नागरिक अतीक उर रहमान को अपना साथी बनाकर रखा था । अतीक उर रहमान ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके भारतीय आधार कार्ड तथा पैन कार्ड प्राप्त किया था ।
३. आतंकियों का यह गिरोह बांग्लादेशी तथा रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में घुसाकर कर उनके भारतीय दस्तावेज बना रहा था । इन घुसपैठियों को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, असम आदि में बसाया गया ।
४. पुलिस ने इन आतंकियों के पास से इलेक्ट्रॉनिक्स तथा इलेक्ट्रिकल उपकरण, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, संयुक्त अरब अमीरात की मुद्रा, सिम कार्ड, आधार कार्ड, मदरसा कार्ड तथा पारपत्र (पासपोर्ट) जब्त कर लिया है ।
५. इस प्रकरण में बंदी बनाया गया आतंकी अबू हुरैरा देश विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित था । वह स्वयं को ‘गाजी’ कहता था तथा ‘दारुल उलूम देवबंद’ की मस्जिद में रह रहा था ।
संपादकीय भूमिकाबढ़ते आतंकवाद तथा आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए, आतंकवादियों को तुरंत फांसी देने का कानून होना चाहिए, यह सरकार अब तो समझे ! |