खेल को ‘खेल’ ही रहने दें, उसका इस्लामीकरण न करें ! – अधिवक्ता विनीत जिंदल, सर्वोच्च न्यायालय

हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद : ‘पाकिस्तानी क्रिकेटरों द्वारा जिहाद का समर्थन !’

मुंबई – ‘अभी इजरायल और हमास के युद्ध की पृष्ठभूमि पर भारत में चल रहे विश्वकप क्रिकेट में पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद रिजवान ने श्रीलंका विरोधी मैच में पाकिस्तान की जीत ‘गाजा’ के मुसलमानों को समर्पित की ।

अधिवक्ता विनीत जिंदल

क्रिकेट विश्वकप में इस्लाम संबंधी यह प्रचार देखकर खेल में ‘इस्लामिक जिहाद’ का प्रचार थमना चाहिए, वहां केवल खेल ही होना चाहिए’, इस आशय की शिकायत मैंने ‘आई.सी.सी.’ तथा ‘बी.सी.सी.आई.’ में की है । खेल को खेल रहने दें, उसका इस्लामीकरण न करें ! ८० करोड हिन्दुओं की जनसंख्यावाले ऋषि-मुनियों की भारतभूमि पर कोई जिहाद और आतंकवाद की बातें करेगा, तो प्रत्येक हिन्दू उसका कडा विरोध करेगा’, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन राजनीतिक विश्लेषक एवं सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विनीत जिंदल ने किया । वे हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘पाकिस्तानी क्रिकेटरों द्वारा जिहाद का समर्थन !’ इस विशेष संवाद में बोल रहे थे ।

जिहाद समर्थकों के खेलने पर प्रतिबंध लगना चाहिए ! – शंभू गवारे, हिन्दू जनजागृति समिति

श्री. शंभू गवारे

वर्ष १९८२ से अब २०२३ तक पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने भारत के साथ क्रिकेट खेलना, ‘जिहाद’ से जोड दिया है । श्रीकांत, गांगुली, इरफान पठान जैसे अनेक भारतीय क्रिकेटरों को पाकिस्तान के विरुद्ध खेलते समय आक्रमण, पथराव इत्यादि का सामना करना पडा है । विश्वकप क्रिकेट में जब हैदराबाद में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगते हैं, तब तो यहां के ‘सेक्युलरवादियों’ को आनंद होता है; परंतु अहमदाबाद में जब ‘जय श्रीराम’ का जयजयकार होता है, तब उन्हें दुःख होता है । पाकिस्तानी क्रिकेटर मैदान में नमाज पढते हैं, ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाते हैं, गाजा के आतंकवादियों का समर्थन करते हैं, हमारी मांग है कि इस पर ‘आई.सी.सी.’ को कार्रवाई करनी चाहिए तथा जिहाद समर्थकों के खेलने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ।