बेंगलुरू (कर्नाटक) – कावेरी नदी के विवाद के कारण किसानों ने २६ सितंबर को बंद का आवाहन किया । कावेरी जल व्यवस्थापन प्राधिकरण ने १३ सितंबर को तमिलनाडु को कावेरी नदी से १५ दिनों के लिए ५ सहस्र क्युसेक जल बाहर छोडने का आदेश दिया था । इस आदेश का निषेध करने हेतु किसान संगठन, कन्नड संगठन तथा विरोधी दलों ने यह बंद किया । बंद के समय नगर की पाठशालाएं, महाविद्यालय, दुकान तथा उपहारगृह बंद थे । शहर में कर्फयू लगाया गया था, तथा तमिलनाडु-कर्नाटक सीमा पर प्रचुर मात्रा में पुलिस व्यवस्था की गई थी । दूसरी ओर कन्नड समर्थक संगठनों ने २९ सितंबर को राज्यबंद की घोषणा की है ।
#Bengaluru bandh today as farmers unions protest against Cauvery water release. Take a look at various political reactions coming in@SakshiLitoriya_ | #TamilNadu | #Karnataka | #Cauvery pic.twitter.com/nFPIacR3Bf
— News18 (@CNNnews18) September 26, 2023
क्या है यह कावेरी विवाद ?
कावेरी नदी की उत्पत्ति कर्नाटक के कोडगु जिले के ब्रह्मगिरी पर्वत से हुई है । वह तमिलनाडु से बहते-बहते बंगाल के उपसागर में मिलती है । कावेरी वादी में कर्नाटक का ३२ चौरस किलोमीटर तथा तमिलनाडु का ४४ सहस्त्र किलोमीटर क्षेत्र है । कावेरी के जलसिंचन की आवश्यकता के विषय पर इन राज्यों में १४० वर्षों से अधिक समय से यह विवाद चल रहा है ।