कर्नाटक में कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने तिलक लगवाना किया अस्वीकार !

ममता बैनर्जी के उपरांत ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं का हिन्दूद्वेष जारी !

बाएंसे शहजाद पूनावाला और मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या

बेंगळुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या द्वारा माथे पर तिलक लगाने से मना करने का एक वीडियो भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया है । कुछ दिनों पूर्व मुंबई में ‘इंडिया’ गठबंधन बैठक आयोजित की गई थी । उस समय बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्षा ममता बैनर्जी ने भी स्वागत के समय तिलक लगवाने से मना कर दिया था ।

१. भाग्यनगर में ‘इंडिया’ गठबंधन के कार्य समिति की बैठक के लिए आए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या का सभागृह के प्रवेशद्वार पर स्वागत किया गया । तब पारंपरिक वेश परिधान कर आरती की थाली लेकर खडी एक महिला ने सिद्धरामय्या को तिलक लगाने का प्रयत्न किया । तब उन्होंने हाथ दिखाकर तिलक लगाने से मना कर दिया । इसके साथ ही आरती करवाना भी टाल दिया । इस अवसर पर उनके साथ कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह भी उपस्थित थे ।

२. इस पर भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘ममता बैनर्जी के उपरांत अब सिद्धरामय्या ने तिलक लगवाने से मना कर दिया है । गोल टोपी लगाना उचित है, परंतु तिलक लगाना नहीं । इस गठबंधन ने मुंबई की बैठक में ही हिन्दू और सनातन धर्म को लक्ष्य करने का निर्णय लिया है । द्रमुक के उदयनिधि स्टैलिन से लेकर ए. राजा, कांग्रेस के जी. परमेश्वर से प्रियांक खरगे एवं राष्ट्रीय जनता दल से से लेकर समाजवादी पक्ष तक ने ऐसी नीति बनाई है कि ‘हिन्दुओं की श्रद्धाओं पर आघात करो और मत एकत्र करो ।’

संपादकीय भूमिका 

  • कांग्रेस को सत्ता पर बिठानेवाले कर्नाटक के हिन्दुओं को यह मान्य है क्या ?
  • किसी धर्म के व्यक्ति को अन्य धर्म की कृति करने के लिए बताए जाने पर यदि वह अस्वीकार करे, तो उसे गलत नहीं कह सकते; परंतु अपने ही धर्म की कोई धार्मिक कृति करने के लिए कहने पर राजकीय पद पर आसीन व्यक्ति का अस्वीकार करना, इसे धर्म का अनादर ही कहना होगा !
  • कांग्रेस के हिन्दू नेता मस्जिद में जाकर गोल टोपी पहनते हैं, रमजान के समय इफ्तार की पार्टियों में उपस्थित रहते हैं; परंतु इन नेताओं को अपने ही धर्म की कृति करना अस्पृश्य लगता है । ऐसे लोग अस्पृश्यता पर अन्यों को ‘ज्ञान’ देते रहते हैं !