सामूहिक बलात्कार एवं हत्या करने के प्रकरण में ३ धर्मांधों को फांसी का दंड

नई देहली – वर्ष २०१५ में एक महिला पर सामूहिक बलात्कार कर उसकी और उसके बच्चों की हत्या करने के प्रकरण में यहां के तीस हजारी न्यायालय ने मुहम्मद अक्रम, शाहीद एवं रफत अली उपाख्य मंजूर अली को फांसी का दंड सुनाया गया ।

(८ वर्ष पश्चात इसप्रकार के अपराधों में दंड होना, इसे अन्याय ही कहना होगा ! इतने जघन्य अपराध की सुनवाई तत्परता से होनी आवश्यक है ! – संपादक) जिस महिला की हत्या हुई, उसे मुहम्मद अक्रम ‘बहन’ मानता था । (धर्मांधों को कोई भी नाता नहीं होता और वे इसप्रकार के अनैतिक कृत्य करते हैं, इसका पुन: एक उदाहरण ! – संपादक) इन तीनों ने महिला के २ छोटे बच्चों की गला दबाकर हत्या की थी ।

संपादकीय भूमिका 

इसप्रकार को प्रत्येक अपराध में फांसी का ही दंड होने लगे, तो ऐसे कुकर्म करनेवालों पर अंकुश लगेगा !