(और इनकी सुनिए…) ‘जाति के नाम पर सनातन धर्म ने किया देश का विभाजन !’ – तमिलनाडू विधानसभा अध्यक्ष अप्पावू

तमिलनाडू विधानसभा अध्यक्ष अप्पावू का अद्‌भुत अनुसंधान  !

अप्पावू

चेन्नई – कुछ दिन पूर्व ही तमिलनाडू विधानसभा अध्यक्ष अप्पावू ने विवादास्पद वक्तव्य दिया है कि जाति के नाम पर सनातन धर्म ने देश का विभाजन किया है । छात्रों को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा ‘अंग्रेजों ने वर्ष १७९५ में प्रत्येक को भूमि का स्वामित्व दिया था । उस समय छुद्रों को भूमि रखने का अधिकार नहीं था । साथ ही उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकॉले ने वर्ष १८३५ में सभी को शिक्षा उपलब्ध करवाई थी ।

(अंग्रेजों ने वर्ष १७९५ में छुद्रों सहित प्रत्येक को स्वामित्व का अधिकार दिया, तो वर्ष १९४७ तक, अर्थात १५० वर्षों में छुद्रों के पास भूमि क्यों नहीं थी ? लॉर्ड मेकॉले द्वारा वर्ष १८३५ में सभी को शिक्षा उपलब्ध कराई गई, यह दावा पूरी तरह झूठा है; क्योंकि मेकॉले को भारतीयों को अंग्रेजों का दास बनाना था । इसीलिए उन्होंने भारत की विख्यात गुरुकुल बंद कर दी तथा देश में भारतीयों को क्लर्क (किरानी) बनाने की शिक्षा पद्धति लागू कर दी । इसलिए जो कुछ हानि हुई, भारत उसे आज भी भुगत रहा है ! – संपादक)

अप्पावू ने दावा करते हुए आगे कहा, ‘जाति का प्रयोग कर हममें भेदभाव किया गया । हमें दूर रखा गया एवं हमें किसी भी प्रकार के अधिकार नहीं दिए गए । हमारेसाथ दास की भांति बर्ताव किया गया । पेरियार, करुणानिधी एवं वर्तमान के मुख्यमंत्री स्टैलिन की सरकार ने राज्य का विकास किया है ।’