तमिलनाडू विधानसभा अध्यक्ष अप्पावू का अद्भुत अनुसंधान !
चेन्नई – कुछ दिन पूर्व ही तमिलनाडू विधानसभा अध्यक्ष अप्पावू ने विवादास्पद वक्तव्य दिया है कि जाति के नाम पर सनातन धर्म ने देश का विभाजन किया है । छात्रों को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा ‘अंग्रेजों ने वर्ष १७९५ में प्रत्येक को भूमि का स्वामित्व दिया था । उस समय छुद्रों को भूमि रखने का अधिकार नहीं था । साथ ही उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकॉले ने वर्ष १८३५ में सभी को शिक्षा उपलब्ध करवाई थी ।
#TamilNadu Assembly Speaker Appavu on Sunday made striking remarks about the role of caste and British colonial history in India during a recent address to students, sparking a heated debate on cultural and social dynamics in the country
(@PramodMadhav6)https://t.co/5RAZyObdD4— IndiaToday (@IndiaToday) August 27, 2023
(अंग्रेजों ने वर्ष १७९५ में छुद्रों सहित प्रत्येक को स्वामित्व का अधिकार दिया, तो वर्ष १९४७ तक, अर्थात १५० वर्षों में छुद्रों के पास भूमि क्यों नहीं थी ? लॉर्ड मेकॉले द्वारा वर्ष १८३५ में सभी को शिक्षा उपलब्ध कराई गई, यह दावा पूरी तरह झूठा है; क्योंकि मेकॉले को भारतीयों को अंग्रेजों का दास बनाना था । इसीलिए उन्होंने भारत की विख्यात गुरुकुल बंद कर दी तथा देश में भारतीयों को क्लर्क (किरानी) बनाने की शिक्षा पद्धति लागू कर दी । इसलिए जो कुछ हानि हुई, भारत उसे आज भी भुगत रहा है ! – संपादक)
We (Shudras) were kept away
A situation was created for us, where we were not given any rights, treated as slaves — Meanwhile, 7% of them (Brahmins) were allowed to study
They shaped this nation for them to govern, while others remained as slaves
Appavu
Speaker, TN Assembly pic.twitter.com/zdpg85OdIo— 𝑪𝒂𝒕𝒂𝒍𝒆𝒚𝒂🛡 (@catale7a) August 28, 2023
अप्पावू ने दावा करते हुए आगे कहा, ‘जाति का प्रयोग कर हममें भेदभाव किया गया । हमें दूर रखा गया एवं हमें किसी भी प्रकार के अधिकार नहीं दिए गए । हमारेसाथ दास की भांति बर्ताव किया गया । पेरियार, करुणानिधी एवं वर्तमान के मुख्यमंत्री स्टैलिन की सरकार ने राज्य का विकास किया है ।’