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अयोध्या (उत्तर प्रदेश) – जनवरी २०२४ में अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी । इसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति सहभागी होंगे । परिस्थिति को देखते हुए अयोध्या के समीपस्त जिलों से पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था ‘आई.एस.आई.’ के बिचौलिए(दलाल) आतंकवादियों तथा ‘स्लीपर सेल’ (आतंकियों का गुप्त समर्थन करने वाले धर्मांध कट्टरपंथियों के स्थानीय समूह) को नियंत्रण में लिया जा रहा है ।
१. श्री राम जन्मभूमि पर न्यायपालिका का निर्णय आने के उपरांत अगस्त २०२० में बलरामपुर से एक आतंकवादी को बंदी बनाया गया, फरवरी-जुलाई तथा सितंबर २०२१ में लक्ष्मणपुरी (लखनऊ)से भी ४ आतंकवादी बंदी बनाए गए, सितंबर २०२१ में प्रयागराज, रायबरेली तथा बहराइच से ३ आतंकवादी बंदी बनाए गए एवं अप्रैल २०२२ गोरखपुर से एक आतंकवादी को बंदी बनाया गया ।
२. अब वर्ष २०२३ में उत्तर प्रदेश राज्य आतंकवाद निरोधी दल ने २ जुलाई को गोंडा से सद्दाम, १ अगस्त को मुकीम, १६ जुलाई को रईस तथा १८ जुलाई को सलमान एवं अरमान को बंदी बनाया । इस प्रकरण में ६ जुलाई को गोरखपुर से तारिक नाम के व्यक्ति को भी बंदी बनाया गया था ।
३. इन सभी प्रकरणों में आतंकवाद निरोधी दल की प्रारंभिक जांच में ज्ञात हुआ है कि आतंकियों को ‘बाबरी ढांचे’ के नाम पर भडकाया गया था । सभी को ‘स्लीपर सेल’ के रूप में प्रशिक्षित किया गया था तथा आदेश प्राप्त होने के उपरांत उन्हें कार्यान्वित किया जाना था ।
४. उत्तर प्रदेश राज्य आतंकवाद निरोधी दल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन सभी को यह कहकर भडकाया गया था कि बाबरी ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है । इन लोगों का उद्देश्य बाबरी विध्वंस का प्रतिशोध लेना था । अयोध्या के समीप उनकी उपस्थिति किसी आतंकी षड्यंत्र की ओर भी संकेत करती है ।
५. अधिकारी ने आगे सूचित किया कि बाबरी विध्वंस के उपरांत उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में अयोध्या में सुरक्षा कडी कर दी गर्इ है । अयोध्या आतंकवादी संगठनों का लक्ष्य हो सकता है, जो पडोसी जिलों गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, बाराबंकी, गोरखपुर तथा अंबेडकरनगर में घुसपैठ कर रहे हैं । यहां आतंकी संगठनों के ‘स्लीपर सेल’ बने हुए हैं । वर्ष २०१९ से यहां निरंतर ‘आई.एस.आई.’ के बिचौलिए (दलाल) पाए जा रहे हैं ।
६. अधिकारी के अनुसार जनवरी २०२४ में अयोध्या में होने वाला कार्यक्रम भी आई.एस.आई. एवं आतंकी संगठनों के लक्ष्य पर है ।
अयोध्या के आसपास के जिलों से लगातार ISI एजेंट्स, आतंकी और स्लीपर सेल मेंबर्स के मिलने से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी; जमीनी हकीकत जानने के लिए पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट https://t.co/AeHVNLkCJq #UttarPradesh #Rammandir #Ayodhya #groundreport By @kunwarjourno
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) August 16, 2023
आतंकी सद्दाम शेख मूलतः हिन्दू था, उसने मुसलमान बनकर ‘लव जिहाद’ किया !लक्ष्मणपुरी (लखनऊ) से बंदी बनाए गए आतंकी सद्दाम शेख का अल-कायदा, हिजबुल मुजाहिदीन तथा ‘अंसार गजवातुल हिन्द’ से संबंध पाया गया था । उसकी पत्नी रूबीना ने बताया कि सद्दाम पूर्व में हिन्दू था । उसका नाम रणजीत सिंह था । वह बेंगलुरू में ट्रक चलाता था । उसने मेरे साथ छल किया । मुसलमान होते हुए उसने झूठ बोलकर मुझसे विवाह किया ।’ जो देश के लिए संकट हो, उससे मैं क्या अपेक्षा कर सकती हूं ?’ मुझे उस पर तृण मात्र विश्वास नहीं है । वह अपने बच्चों को इस्लाम की कट्टर शिक्षा देता था । एक अन्य आतंकवादी मोहम्मद रईस आई.एस.आई. का ही बिचौलिया (दलाल) है तथा उसने पाकिस्तान में आतंकवादियों को गोपनीय जानकारी प्रदान की । तीसरा आतंकी, मुकीम भी आई.एस.आई. का ही बिचौलिया (दलाल) है । उसकी मां ने समाचार माध्यमों को बताया कि मुकीम बहुत सीधा-साधा व्यक्ति था रईस ने उसे फंसाया है । एक अन्य आतंकवादी सलमान सिद्दीकी भी ‘आई.एस.आई.’ का बिचौलिया (दलाल) था । उसके परिवार का कहना है कि उसे सद्दाम तथा रईस ने फंसाया है । सलमान सिद्दीकी का घर तारबगंज तालुका में रईस के घर से ३० किमी दूर है । उसे भी बंदी बना लिया गया । |
संपादकीय भूमिका
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