नूंह हिंसा के लिए पाकिस्तान द्वारा संचालित सामाजिक माध्यमों के १२ गुट उत्तरदायी ! – हरियाणा पुलिस

  • हिंसा के आरोपी मुनसैद एवं सैकुल को बंदी बनाया गया !

  • सैफुल्ला एवं मेहबूब नामक रोहिंग्या मुसलमानों को भी बंदी बनाया गया !

नूंह (हरियाणा) – ३१ जुलाई को यहां हिन्दुओं की जलाभिषेक यात्रा पर कट्टरपंथी मुसलमानों के आक्रमण करने के उपरांत उसकी जांच चल रही  है तथा प्रतिदिन नई-नई घटनाएं सामने आ रही हैं । इसके अंतर्गत हरियाणा पुलिस को वॉट्‌सएप, फेसबुक, ट्विटर एवं टेलीग्राम के सामाजिक माध्यमों पर कार्यरत एवं पाकिस्तान द्वारा संचालित ऐसे १२ गुटों की जानकारी प्राप्त हुई है । इन गुटों में हरियाणा एवं राजस्थान के मेवात प्रांत के लोग बडी संख्या में जुडे हैं । इन लोगों को उकसाने का काम इस माध्यम द्वारा प्रतिदिन किया जाता था । (इसके द्वारा यह हिंसा पूर्वनियोजित थी,  पुनः एक बार यह स्पष्ट हुआ है । इन गुटों में जुडे हुए भारत के सभी लोगों की अब जांच कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ! – संपादक)

१. ऐसे में इस हिंसा के आरोपी मुनसैद एवं सैकुल को पुलिस ने बंदी बनाया है । दोनों ही यहां के अरावली (अरवल्ली) पर्वत पर छुपे होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने उनको घेर लिया । दोनों ने पुलिस पर गोलीबारी आरंभ कर दी । इस समय हुई मुठभेड में पुलिस की एक गोली सैकुल के पांव में घुस गई, दोनों को बंदी बनाने में पुलिस को सफलता मिली ।

२. पुलिस ने हिंसा के प्रकरण में सैफुल्ला एवं मेहबूब नामक रोहिंग्या मुसलमानों को भी बंदी बनाया है । इन दोनों ने स्वीकार किया है कि कुछ अन्य रोहिंग्याओं के साथ म्यानमार सीमा से वे असम में घुसे थे । साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि उन्होंने आधारकार्ड एवं अन्य पहचानपत्र बना लिए हैं । नूंह में लगभग २ सहस्र रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं एवं हिंसा के प्रकरण में अबतक २५ रोहिंग्याओं को बंदी बनाया जा चुका है । उनके विरुद्ध २० अपराध प्रविष्ट किए गए हैं ।

संपादकीय भूमिका 

  • भारत में केवल जिहादी आतंकवादी गतिविधियां नहीं करते, अपितु कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा की गई हिंसा भी पाकिस्तान-समर्थित ही होती है, पुनः एक बार यह सामने आया है !
  • भारत को जड से उखाड फेंकने की मंशा रखनेवाले इस जिहादी देश की क्रिकेट टीम भारत में होनेवाले विश्‍कप (वर्ल्ड कप)प्रतियोगिता (टूर्नामेंट)में भारतीय टीम के साथ खेलनेवाली है । यह मूलत: अपमानजनक है कि भारतीय इसकी अनुमित देते हैं । राष्ट्रप्रेमियों को संगठित होकर इसके विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए !