ईसाई कुकी आतंकवादी प्रतिदिन हिन्दू मैतेई समुदाय पर कर रहे हैं गोलीबारी !

  • कुकी की तुलना में पांच गुना अधिक मैतेईं परिवार हुए विस्थापित !

  • कुकियों की सहायता के लिए आ रहे म्यानमार के आतंकवादियों को रोकने के लिए मणिपुर पुलिस के १०० कमांडो सीमा पर तैनात !

इंफाल (मणिपुर) – ईसाई कुकी आतंकवादी एवं हिन्दू मैतेई में ३ महीनों से हो रहा संघर्ष अल्प होते हुए दिखाई नहीं दे रहा । गांव के तथाकथित रक्षक कुकी आतंकवादी मैतेई गांववासियों पर गोलीबारी कर रहे हैं । यह गोलीबारी प्रमुखरूप से राजधानी इंफाल के आसपास के क्षेत्र एवं पहाडों की तलहटी में हो रही है । यह जानकारी ‘मैतेई हेरिटेज सोसाइटी’ संगठन ने ट्वीट कर दी है । उनका कहना है कि ऐसा ३ मई २०२३ से निरंतर हो रहा है ।

१. ऐसे में एक घटना का वीडियो भारी मात्रा में प्रसारित हुआ है । इसमें एक पत्रकार एक मैतेई महिला की भेंटवार्ता ले रहा है, तभी उन पर गोलीबारी होने लगी । सौभाग्य से दोनों बच गए ।

२. दूसरी ओर भारत-म्यानमार सीमा के मोरेह नामक गांव में पुलिस के १०० कमांडो अटक गए हैं । वे पूरी शक्ति के साथ सीमा पर पहरा दे रहे हैं ।  ऐसी जानकारी मिली है कि उन्हें आवश्यक अन्न-पानी की भी कमतरता है । तब भी वे म्यानमार के आतंकवादी एवं अवैध प्रवासियों से मणिपुर को बचाने के लिए दीवार की भांति डटे हैंं । मणिपुर सरकार इन कमांडो की सहायता के लिए प्रयत्नशील है, परंतु कुकी महिलाएं इसमें बाधाएं उत्पन्न कर रही हैं ।

३. केंद्रीय सुरक्षा दल की संदिग्ध भूमिका पर भी यह प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री का आदेश होते हुए भी उसने म्यानमार के ७१८ घुसपैठियों को मणिपुर में प्रवेश दिया ।

४. सरकारी आकडेवारीनुसार कुकी समाज की तुलना में मैतेई समाज को भारी मात्रा में विस्थापित होना पडा है । कुकी समाज की तुलना में पांच गुना अधिक मैतेई परिवार स्थनांतरित हुए हैं । सरकारी आकडेवारी के अनुसार गत ८ वर्षों में २८० मैतेई परिवारों को अपना घर छोडना पडा । इसकी तुलना में केवल ५९ कुकी परिवार विस्थापित हुआ ।

५. कुकी आतंकवादियों द्वारा किए जा रहे हिंसाचार का कुकी समुदाय समर्थन करता है । उनका कहना है कि मणिपुर सरकार उन्हें लक्ष्य (टार्गेट) करती है, इसलिए वे उसका प्रतिकार कर रहे हैं ।

संपादकीय भूमिका 

मणिपुर में हिंसाचार के पीछे कुकी आतंकवादी, अमली पदार्थों की तस्करी करनेवाले आतंकवादी एवं म्यानमार की प्रोत्साहित करनेवाली शक्तियां हैं । इसे ध्यान में रख अब भारत को ऐसों पर कठोर कार्रवाई करने की नितांत आवश्यकता है !