मेरा बयान साईं भक्त के संबंध में नहीं है अपितु यहां बढ़े अपराध के संबंध में है ! – डॉ. सुजय विखे-पाटिल

पूर्व सांसद डाॅ. सुजय विखे-पाटील के ‘देश के भिखारी शिरडी आकर खाते हैं’ वाले बयान का मामला

पूर्व सांसद डाॅ. सुजय विखे-पाटील

शिरडी – शिरडी के प्रसादालयों में मुफ्त भोजन के संबंध में मैंने जो बयान दिया है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। मेरे बयान को तोड-मरोड कर पेश किया गया । शिरडी आने वाले भक्तों में हमें सिर्फ ‘साईं बाबा’ ही नजर आते हैं। साईं भक्तों के बारे में हमारे मन में कुछ नहीं है । मैंने उन लोगों के बारे में बात की है जो बाहर से आते हैं और मुफ्त की भीख लेकर अपराध दर को बढ़ाते हैं। अगर शिरडी में किसी लड़की के साथ ये अपराधी दुर्व्यवहार करते हैं, तो जिम्मेदारी कौन लेगा ? ‘शिरडी के पालक’ के रूप में मैंने अपनी राय व्यक्त की है। यहां हर दिन सुबह ८ बजे भिखारियों से भरी गाड़ियां लाई जाती हैं। वे प्रसादालय में भोजन करते हैं और रात को वे पीते हैं और रात का महाप्रसाद लेने के लिए प्रसादालय में वापस जाते हैं। हम इसे कैसे सहन कर सकते हैं? इसलिए, मेरा बयान साईं भक्तों के संबंध में नहीं था, अपितु यह यहां पर बढ़े अपराधों के संबंध में था, ऐसा पूर्व भाजपा सांसद डॉ. सुजय विखे-पाटिल द्वारा कहा गया । वे शिरडी में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे ।

डॉ. विखे-पाटिल ने आगे कहा, ‘मैंने देवस्थानम से भोजन के सभी दान को अलग-अलग लेने के बजाय एक साथ लाने का अनुरोध किया है। ताकि जहां भी जरूरत हो, इसे खर्च किया जा सके । मेरा मानना ​​है कि शिरडी में शैक्षणिक स्तर बढ़ना चाहिए, यहां के युवाओं को अच्छा रोजगार मिलना चाहिए। आने वाले ३ महीनों में मैं शिरडी में अपराध का नाश कर दूंगा । शिरडी को बेहतर बनाना मेरा सपना है ।

डॉ. सुजय विखे का साईं भक्तों का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था ! – संजय शिरसाट, सामाजिक न्याय मंत्री

संजय शिरसाट

डॉ. विखे-पाटील के इस कथन ‘भिखारी-मुक्त साईं तीर्थों और निःशुल्क भोजन व्यवस्था बंद करो’ का पूरा अर्थ मुझे शिरडी दौरे के दौरान समझ में आया। मुझे स्थिति का पता नहीं था । इसलिए मैंने उनके बयान का विरोध किया । ‘ड्रग्स’ लेने वाले अलग-अलग हिस्सों से बस या ट्रक से शिरडी आते हैं। उनके इस बयान के पीछे का मकसद ऐसे अपराधियों को रोकना था । वह साईं भक्तों का अनादर नहीं करना चाहते थे । राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शिरडी मंदिर का प्रसादालय है, वह पहले की तरह ही चलता रहेगा और वहां कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा ।