राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा जयपुर धमाकों के मुस्लिम अपराधियों को मुक्त करने पर सर्वोच्च न्यायालय में दी गई चुनौती का प्रकरण
जयपुर (राजस्थान) – यहां १८ मई २००८ को लगातार ८ बम विस्फोट हुए थे । इसमें ७१ लोगों की मृत्यु हुई थी, तो १८५ लोग घायल हो गए थे । इस प्रकरण में वर्ष २०१९ में जयपुर जिला न्यायालय ने ४ अपराधियों को दोषी प्रमाणित कर फांसी का दंड सुनाया था । इस पर राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी । इस पर २९ मार्च २०२३ को सभी अपराधियों को न्यायालय ने निर्दोष मुक्त कर दिया था, जिससे पीडितों ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी । इस प्रकरण में राजस्थान की कांग्रेस सरकार की आलोचना हुई । तब ४० दिनों के उपरांत सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी । राज्य के मुस्लिमों को सरकार की यह भूमिका स्वीकार्य नहीं है । इस विषय में स्वयं कांग्रेस के ही पदाधिकारी ने राज्य के कांग्रेस नेता एवं मंत्री सचिन पाइलट से उत्तर पूछा । इन मुस्लिम पदाधिकारियों ने फेसबुक खाते से इसका वीडियो प्रसारित किया है ।
2 दिन पहले सचिन पायलट टोंक गये थे , तो शान्तिप्रिय समुदाय के लोग उन्हें घेर कर पुछ रहे हैं की जब जयपुर बम धमाकों के आतंकियों को हाईकोर्ट ने रिहा कर दिया तो उसके खिलाफ आपकी सरकार सुप्रीम कोर्ट क्यों गई ?
कांग्रेस राज में इन लोगों की कितनी हिम्मत हो जाती है , जयपुर बम धमाकों में… pic.twitter.com/WhBjZhpAmM
— Laxmikant bhardwaj (@lkantbhardwaj) July 29, 2023
राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने की संभावना है । इस कारण जब सचिन पाइलट अपने टोंक चुनाव क्षेत्र में पहुंचे, तब वहां उनके वाहन-समूह को रोककर लोगों ने अपनी समस्याएं कहीं । इस पर वहां कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश मुख्य सचिव मोहसीन राशिद उपस्थित थे । उन्होंने सचिन पायलट से पूछा कि जयपुर बम विस्फोट के अपराधियों के मुक्त होने के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में सरकार ने क्यों चुनौती दी? राशिद ने कहा, ‘सरकार की इस भूमिका के कारण मुसलमान अप्रसन्न हैं ।’ इस पर सचिन पायलट ने राशिद को ‘धर्म के संदर्भ में बोलने की अपेक्षा पार्टी का काम करने का सुझाव दिया । तदनंतर राशिद ने प्रश्न पूछा कि कन्हैया लाल का सर धड से जुदा करनेवाले नासिर एवं जुनैद नामक अपराधियों के संदर्भ में भी आपने कुछ नहीं कहा था । इस समय सचिन पाइलट कुछ भी बोले बिना वहां से चले गए । राशिद ने इस घटना का वीडियो फेसबुक से प्रसारित किया है ।
संपादकीय भूमिका
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