‘तहलका’ के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल को २ करोड रुपयों का दंड !

 भूतपूर्व सेना अधिकारी की मानहानि करने का २२ वर्ष पूर्व का प्रकरण

‘तहलका’ नियतकालिक के प्रमुख संपादक तरुण तेजपाल

नई देहली – ‘तहलका’ नियतकालिक के प्रमुख संपादक तरुण तेजपाल को मानहानि के प्रकरण में देहली उच्च न्यायालय ने दोषी कहकर २ करोड रुपयों का दंड दिया है । सेवानिवृत्त मेजर जनरल एम.एस अहलुवालिया की याचिका पर यह निर्णय दिया गया । वर्ष २००२ में यह याचिका प्रविष्ट कि गई थी । मार्च २००१ में इस नियतकालिक में एक समाचार प्रकाशित किया गया था । इसमें सेना के एक भ्रष्टाचार में जनरल अहलुवालिया को मध्यस्थ कहा गया था ।

इस याचिका द्वारा अहलुवालिया ने ‘तहलका’ को क्षमा मांगने के लिए कहा था । इस पर न्यायालय ने कहा कि, इस प्रकरण को २२ वर्ष हो चुके हैं । इस अवधि में अहलुवालिया ने बहुत सहन किया है । इसलिए केवल क्षमा मांगने से कोई लाभ नहीं होगा । किसी प्रामाणिक सेना अधिकारी की प्रतिमा की अपकीर्ति करने अधिक लज्जाजनक घटना दूसरी कोई नहीं होगी ।

संपादकीय भूमिका 

मानहानि के प्रकरण में २२ वर्ष पश्चात न्याय मिलने का अर्थ  ‘इतने वर्ष व्यक्ति की मानहानि होते रहना’ ही है, ऐसा किसी को लगे तो उसमें गलत क्या है ?