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नई देहली – राज्य वक्फ बोर्ड को देश के अहमदिया मुसलमानों को ‘काफिर’ अथवा ‘गैरमुसलमान’ कहने का अधिकार नहीं, ऐसे स्पष्ट निर्देश केंद्र सरकार ने दिए । इसके साथ ही अहमदिया मुसलमानों की मस्जिदें वक्फ संपत्ति नहीं, ऐसा घोषित करने का भी अधिकार नहीं है । देवबंद मौलवियों की संगठन ‘जमितय-ए-उलेमा’के फतवे के उपरांत आंध्रप्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा अहमदिया मुसलमानों को गैरमुसलमान बताया गया है । अहमदिया मुसलमान इसका विरोध कर रहे हैं । उन्होंने आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका भी प्रविष्ट की है ।
‘मुस्लिम नहीं हैं अहमदिया’: आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड के ‘फतवा’ पर मोदी सरकार सख्त, पूछा- किस अधिकार से घोषित किया ‘काफिर’#Ahmadiyya #WaqfBoard #AndhraPradeshhttps://t.co/zcX1BqBeRz
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 22, 2023
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय ने आंध्रप्रदेश के मुख्य सचिव को इस संदर्भ में पत्र लिखा है । इसमें कहा है कि वे अधिनियम के प्रावधानानुसार राज्य सरकार के एक मंडल हैं । उन्हें इसप्रकार का फतवा (‘फतवा’ अर्थात इस्लामी कानून के अनुसार किसी सूत्र पर मान्यताप्राप्त व्यक्ति अथवा संस्था ने दिया निर्णय) निकालने का अधिकार नहीं । वक्फ बोर्ड के इस आदेश पर उनकी अहमदिया मुसलमानों के प्रति घृणा दिखाई देती है । वक्फ बोर्ड को अहमदिया अथवा अन्य किसी भी समाज की धार्मिक पहचान निर्धारित करने का कोई भी अधिकार नहीं ।