म. गांधी ने अपने प्राण देकर पाक को विनाश से बचाया !

  • पाकिस्तानी वंश के स्वीडिश प्राध्यापक इश्तियाक अहमद का विधान !

  • मुहम्मद अली जिन्ना को म. गांधी एवं नेहरू के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए था !

पाकिस्तानी वंश के स्वीडिश प्राध्यापक इश्तियाक अहमद

नई देहली – पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ने म. गांधी एवं तत्कालीन भारत सरकार के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए था; कारण उनके कारण पाकिस्तान विनाश से बच गया । म. गांधी ने अपने प्राण देकर पाक की रक्षा की, ऐसे विधान पाकिस्तानी वंश के स्वीडन में प्राध्यापक इश्तियाक अहमद ने एक भेंटवार्ता में किए ।

इश्तियाक अहमद ने कहा कि,

१. विभाजन के समय भारत के सभी मुसलमान यदि पाकिस्तान आए होते, तो पाक का विनाश हो गया होता । उस समय म. गांधी एवं नेहरू ने पाक का समर्थन कर, उनकी सहायता की ।

२. भारत से सभी मुसलमान पाकिस्तान में आएं, यह मुहम्मद अली जिन्ना नहीं चाहते थे । विभाजन के समय पाकिस्तान ने जिसप्रकार वहां के हिन्दुओं एवं सिक्खों को रहने नहीं दिया, वैसे ही भारत ने भी यदि वहां साढे तीन करोड मुसलमानों को रहने नहीं दिया होता, तो वे भारत से पाक में आ गए होते ।

३. उस समय पूर्व पाकिस्तान तो निर्धन ही था । पश्चिम पाकिस्तान की उस समय लोकसंख्या सवा तीन करोड थी । यदि भारत से सभी मुसलमान पाक आ गए होते, तो यह लोकसंख्या पौने सात करोड से भी अधिक हो गई होती । ऐसा कहते हैं कि उस समय पाकिस्तान में लिखने के लिए कागद भी नहीं था । ऐसे समय पर यदि सर्व मुसलमान पाक में आए होते, तो पाक का विनाश निश्चित था ।

४.  म. गांधी एवं नेहरू ने पाक को नष्ट होने से बचाया । उसके लिए जिन्ना को उन दोनों के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए था, उन्होंने पाक के लिए इतना किया ।

संपादकीय भूमिका 

म. गांधी ने पाक को विनाश से बचाया; परंतु भारत को विनाश की खाई में ढकेल दिया, ऐसा देशभक्तों को लगता है !