(…..और इनकी सुनिए) ‘जिहाद के माध्यम से फ्रांस बनेगा इस्लामी देश !’ – पैलेस्टाईन के मौलाना अबु तकी अल-दिन-अल् दारी

  •  पैलेस्टाईन के मौलाना अबु तकी अल-दिन-अल् दारी का पुराना वीडियो प्रसारित !

  •  एक दिन संपूर्ण पृथ्वी पर होगा इस्लाम का राज्य !

(मौलाना का अर्थ है इस्लामी अध्येता)


पैरिस (फ्रांस) – राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन के नेतृत्व में अनेक आपातकालीन बैठकें होकर भी फ्रांस में धर्मांध मुसलमानों के द्वारा चल रही हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है । कुछ अध्येताओं ने फ्रांस में रह रहे शरणार्थी मुसलमानों को इस हिंसा के लिए उत्तरदायी बताया है । ऐसे में ही वर्ष २०१९ मधील पैलेस्टाईन के एक मौलाना का एक वीडियो सामाजिक माध्यमों पर बडे स्तर पर प्रसारित हुआ है, जिसमें वह कह रहा है कि एक दिन फ्रांस इस्लामी देश बनेगा । उसमें उसने जिहाद का भी उल्लेख किया है ।

पैलेस्टाईन के मौलाना अबु तकी अल-दिन-अल् दारी का यह वीडियो १२ मार्च २०१९ का है । यहां की अल अक्सा मस्जिद में इकट्ठा हुए मुसलमानों को संबोधित करते हुए वह कह रहा है कि,

१. जर्मनी एवं फ्रांस के लोग अब बुढे बन चुके हैं । वहां के युवक विवाह को आवश्यक नहीं मानते ।

२. वर्ष २०५० में फ्रांस में बंसे मुसलमानों की संख्या वहां के मूल फ्रेंच नागरिकों से अधिक होगी; परंतु ऐसा होते हुए भी हमें केवल आंकडों पर निर्भर रहकर नहीं चलेगा । हमें इस बात की आश्वस्तता करनी होगी कि मुसलमानों का स्वयं का ऐसा एक देश होना चाहिए, जिसके माध्यम से अल्लाह के लिए जिहाद की घोषणा कर पश्चिमी देशों के लोगों को इस्लामतक ले जाया सके । जब लोगों को इस्लाम का वास्तविक रूप, इस्लाम में सिखाई जानेवाली करुणा एवं अन्य विशेषताएं दिखाई देंगी, तब वे स्वयं ही इस्लाम का स्वीकार करेंगे !

(और इनकी सुनिए) ‘इतिहास में इस्लाम सर्वत्र था, तो अब भी वह संभव है !’

मौलाना अबु तकी अल्-दिन-अल् दारी आगे कहता है कि केवल ४०० वर्ष पूर्व मुसलमानों के ओटोमान (उस्मान) साम्राज्य ने ऑस्ट्रिया एवं पोलैंड पर विजय प्राप्त की थी । हमारा राज्य आस्ट्रिया की राजधानी विएन्नातक जा पहुंचा था । सोविएत संघ के सभी पूर्व देश, साथ ही कॉकेशस भी इस्लामी शासन के अधीन था । वर्ष १६४४ तक चीन पर भी मुसलमान मंगोलों का राज्य था । वर्ष १५२६ में हमने हंगेरी जीता, तो वर्ष १५८६ तक भारत पर इस्लाम का राज्य था । इन सभी बातों से मुझे यह बताना है कि आज भी इस्लामी देश प्रस्थापित करना संभव है । इसके लिए हमें इतिहास के अनुसार आगे बढना होगा । उसके लिए इस्लाम का प्रसार करना पडेगा तथा अल्लाह की इच्छा के अनुसार काम करना पडेगा । इस माध्यम से इस्लाम संपूर्ण विश्व में फैलता जाएगा ।

संपादकीय भूमिका 

इस्लाम को तो शांति का धर्म कहा जाता है, तो उसके नाम पर संबंधित मौलाना का वक्तव्य, साथ ही फ्रांस में चल रही हिंसा से इस्लामी देशों का ‘इस्लाम सहयोग संगठन’, साथ ही संपूर्ण विश्व के इस्लामी विद्वान चुप क्यों बैठते हैं ? वे ऐसे भडकाऊ वक्तव्यों तथा हिंसक कृत्यों के विरुद्ध खडे क्यों नहीं होते ?