प्रतियोगी परीक्षा प्रादेशिक भाषाओं में लें !

  • देहली उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट

  • विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी भाषा की अडचन होने का दावा

नई देहली – श्री. आलोक कुमार मिश्रा ने देहली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका प्रविष्ट की जिसमें राष्टृीय विज्ञान ओलंपियाड परीक्षा, राष्टृीय प्रवेश स्क्रीनिंग टेस्टआइ एस इ आर एप्टीट्यूड टेस्ट क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने की मांग की गई। इस याचिका में उन्होंने शिक्षा मंत्रालय से विद्यार्थियों की पसंद की प्रादेशिक भाषा में परीक्षा देने का विकल्प उपलब्ध करने तथा राष्ट्रीय स्तर की सभी परीक्षाओं में प्रादेशिक भाषाओं का समावेश करने के संदर्भ में उचित नीति सिद्ध करने का आदेश देने की मांग भी की है ।

याचिकाकर्ता ने ऐसा भी कहा है कि उपर्युक्त प्रतियोगी परीक्षाएं मुख्य रूप से अंग्रेजी भाषा में ली जाती हैं । भारत में बहुसंख्यक विद्यार्थी प्राथमिक शिक्षा अपनी मातृभाषा में प्राप्त करते हैं । उनके पास ऐसी प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की प्रतिभा है; तथापि ऐसे विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी भाषा एक अडचन बन जाती है, इस कारण वे  ऐसी प्रतियोगी परीक्षाओं से बाहर हो जाते हैं । इसके परिणामस्वरूप इन परीक्षाओं का उद्देश्य ही असफल हो जाता है ।

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता आशुतोष कुमार मिश्रा तथा अधिवक्ता प्रमोद  कुमार ने किया । देहली उच्च न्यायालय ने सभी संबंधित लोगों को सूचना भेज कर इस संदर्भ में उत्तर मांगा है ।