७ सहस्र आवरा कुत्तों का आतंक !
जालना – शहर के विविध रास्तों पर बेधडक घूमनेवाले अवारा कुत्ते वाहनचालकों पर झपटते हैं । आने-जानेवाले नागरिकों के साथ-साथ विद्यालय में जानेवाले छोटे-छोटे बच्चों के पीछे भी लगते हैं । शहर में अवारा कुत्तों द्वारा प्रतिदिन ६ से ११ लोगों को काटे जाने की घटनाएं हो रही हैं । नगरपालिका द्वारा प्रतिवर्ष निर्बिजीकरण (emasculation) के लिए लाखों रुपयों की व्यवस्था की जाती है; परंतु गत कुछ वर्षों में निर्बिजीकरण नहीं किया गया है । शहर में खुले में ही मटन की दुकानें होने से अवारा कुत्तों की संख्या बढ रही है ।
१. ४ लाख लोकसंख्यावाले जालना शहर में ७ सहस्र आवारा कुत्तों का आतंक है । गत ३ वर्षों में आवारा कुत्तों ने ५ सहस्र ४७५ लोगों के शरीर से मांस नोचने की जिला सामान्य अस्पताल (district general hospital) में प्रविष्टी है । अस्पताल में प्रतिदिन ४० से ६० रोगियों पर उपचार किया जा रहा है ।
२. कुत्तों की इस समस्या पर नगरपालिका की सभा में बारंबार चर्चा हुई है; परंतु अब तक वह सुलझी नहीं है ।
३. निर्बिजीकरण के लिए चालू वर्ष (current year) में १० लाख रुपयों की व्यवस्था की गई है । निर्बिजीकरण के लिए आनेवाले ४ महीनों में स्वतंत्र निविदा निकाली जानेवाली है ।
शीघ्र ही आंदोलन करेंगे ! – शशिकांत घुगे, भूतपूर्व नगरसेवकबारंबार निवेदन देने के पश्चात भी आवारा कुत्तों का बंदोबस्त न होने से कांचननगर, शिवनगर एवं नूतन वसाहत, इन क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की समस्या बहुत बढ गई है । खुले में होनेवाली मांसबिक्री के कारण भी यह संख्या बढ रही है । आवारा कुत्तों ने अनेक बार छोटे बच्चों का मांस नोचा है । इसलिए अब इस प्रकरण में शीघ्र ही आंदोलन करेंगे । |
संपादकीय भूमिकायह प्रशासन के लिए लज्जाजनक ! |