कल्याण के दुर्गाडी गढ पर मुसलमानों के अतिक्रमण को पुलिस एवं महानगरपालिका का समर्थन  !

  • अतिक्रमण हटाने का जिलाधिकारी का आदेश कचरे की टोकरी में !

  • अतिक्रमण को हटाने के स्थान पर उसकी मांग करनेवालों को ही पुलिस की फटकार !

गढ पर मुसलमानों द्वारा बंधा हुआ ईदगाह

ठाणे, ९ मई (वार्ता.) – कल्याण के दुर्गाडी गढ पर मुसलमानों द्वारा किया अतिक्रमण हटाएं, ऐसा स्पष्ट आदेश ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय से दिया गया है । उस पर कार्यवाही करना दो दूर रहा, कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका एवं वरिष्ठ पुलिस इस अनधिकृत निर्माणकार्य का समर्थन कर रहे हैं । इतना ही नहीं वे अतिक्रमण हटाने के स्थान पर उसे हटाने की मांग करनेवालों को ही फटकार रहे हैं । (किले-गढप्रेमियों को ही फटकारनेवाली पुलिस छत्रपति शिवाजी महाराजजी के महाराष्ट्र में होना बडे खेद की बात है ! – संपादक)

दुर्गाडी गढ पर मुसलमानों द्वारा किया अतिक्रमण हटाया जाए, ऐसा स्पष्ट आदेश २३ दिसंबर २०२२ को थाने जिलाधिकारी कार्यालय से कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के आयुक्त, कल्याण के पुलिस उपायुक्त एवं तहसीलदार को दिया गया है । इस आदेश की प्रति भी दैनिक ‘सनातन प्रभात’को मिली है । इस पत्र में दुर्गाडी गढ पर वंशपरंपरानुसार सातवाहन राजा के वंशज एवं वारिसदारों का अधिकार है । इसलिए वहां से मुसलमानों का अतिक्रमण हटाया जाए’, ऐसे स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं;  परंतु ४ महीनों उपरांत भी पुलिस एवं प्रशासन इस अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है । इससे पहले मुसलमान दुर्गाडी गढ पर स्थित दुर्गादेवी के मंदिर के पीछे की दीवार को ‘ईदगाह’ होने का दावा कर रहे हैं और गत कुछ वर्षों से इस स्थान पर वर्ष में २ बार ईद के दिन नमाजपठन किया जा रहा है ।

थाने जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त आदेश की प्रति

अतिक्रमण करनेवालों को प्रवेश एवं मालिक को प्रवेश वर्जित  !

यह अनधिकृत निर्माणकार्य अर्थात तथाकथित ‘ईदगाह’ पर ईद के दिन नमाजपठन किया जाता है । यद्यपि जिलाधिकारी ने इस अनधिकृत कंस्ट्रक्शन को गिराने का आदेश दिया है; परंतु पुलिस एवं प्रशासन नमाजपठन पर बंदी लगाने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं । इसके विपरीत नमाजपठन के दिन हिन्दुओं को गढ पर प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है । पुलिस अतिक्रमण को संरक्षण देती है और इस भूमि के मालिक सातवाहन राजा के वंशजों को यहां आने पर प्रतिबंध लगाती है । इसप्रकार मुसलमानों की चापलूसी के लिए कानून को भी ताक पर रख देने का काम पुलिस और प्रशासन कर रही है ।

पहले अतिक्रमण, अब मंदिर पर भी मालकी हक !

गढ पर स्थित मंदिर और उसके पिछे अवैध ईदगाह

प्रारंभ में ‘ईदगाह’ होने का दावा करनेवाले मुसलमान अब इस गढ के इतिहासकालीन दुर्गादेवी के मंदिर पर भी अपना अधिकार जता रहे हैं ।  कल्याण में कुछ स्थानीय मुसलमानों द्वारा दुर्गादेवी को मंदिर ‘मैलिस-ए-मुशवरीन मस्जिद’ हाेने का दावा कल्याण जिला सत्र न्यायालय में किया था । इसमें यह अभियोग वक्फ मंडल को हस्तांतरित करने की मांग की गई है । जिला सत्र न्यायालय ने यह मांग अस्वीकार कर दी है ।

अतिक्रमण को दिया जा रहा है पुलिस संरक्षण !

यह अतिक्रमण गिराने के लिए जिलाधिकारी का आदेश होते हुए भी उस पर कार्यवाई करना तो दूर रहा; अपितु इस अतिक्रमण को २४ घंटे राज्य रिजर्व पुलिस दल संरक्षण दे रहा है । अतिक्रमण के संरक्षण के लिए दुर्गाडी गढ के आधे भाग पर प्रवेशबंदी लगा दी गई है; परंतु अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस, प्रशासन एवं सरकार तैयार नहीं है ।

पुलिस द्वारा कार्यक्रम पर निर्बंध लगाए जाते हैं ! – सुयश शिर्केसातवाहन, सातवाहन राजा के वंशज एवं परिवादकर्ता

सातवाहन राजा के वंशज श्री. सुयश शिर्केसातवाहन ने दैनिक ‘सनातन प्रभात’के प्रतिनिधि को बताया कि सहस्रों वर्ष पूर्व हिन्दू क्षत्रिय मराठा सातवाहन राजा ने कल्याण बंदर एवं दुर्गाडी गढ का निर्माण किया था । वंशपरंपरानुसार सातवाहन राजा के वंशज के रूप में इस गढ पर हमारा अधिकार है । इसलिए गढ पर से अतिक्रमण हटाने के लिए हमने जिलाधिकारी से शिकायत की थी ।  जिलाधिकारी ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया, तब भी पुलिस हम पर दबाव डाल रही है । उत्सव के दिन गढ पर कार्यक्रम करने के लिए पुलिस रोक-टोक करती है ।

(इस विषय में विस्तृत वृत्त शीघ्र ही प्रकाशित करेंगे ।) 

संपादकीय भूमिका 

मुसलमानों के अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई न कर ‘लैंड जिहाद’ को खुली छूट देनेवाली पुलिस एवं महानगरपालिका के संबंधित अधिकारी क्या राष्ट्रघातकी नहीं ? ऐसों को पदच्युत कर कारावास में डाल देना चाहिए !